जबलपुर, संदीप कुमार। हाई कोर्ट (HC) ने रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडर्स के द्वारा बेची जा रही खाद्य सामग्रियों के बेचने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ रेल मंत्रालय सहित अन्य को नोटिस (HC notice to Railway Ministry) जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा हैं।
याचिकाकर्ता पीजी नाजपांडे और डी.आर लखेरा के एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट को बताया कि रेलवे सालों से यात्रियों को अमानक भोजन परोस रही हैं। याचिका में बताया गया कि रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडर्स द्वारा अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर चलती ट्रेन और स्टेशनों में खाना बेच रहे हैं जिसका कोई मानक ही नही हैं, ये खाना सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
ये भी पढ़ें – Video : आखिर ऊर्जा मंत्री ने क्यों कहा “आप लोग मुझे जूते मार लो, डंडे मार लो”
याचिकाकर्ता ने कई बार इस मामले से रेलवे को अवगत भी करवाया। समूचे जबलपुर जोन में सिर्फ एक फूड सेफ्टी आफ़िसर ही नियुक्त किया गया हैं। ऐसे में संभव नही हैं कि सिर्फ एक निरीक्षक इतने बड़े जोन की निगरानी कर सके।
हाईकोर्ट में याचिका दायर कर याचिकाकर्ता ने सहायता चाही हैं कि रेलवे में परोसे जा रहें भोजन की सतत निगरानी के लिए कमेटी गठित की जाए और हमेशा कार्रवाई करती रहें ,ऐसा ना हो कि शिकायत मिलने पर ही रेलवे के द्वारा वेंडर्स को गिरफ्तार कर कार्रवाई हो।
ये भी पढ़ें – धर्मांतरण पर सख्त हुआ बाल संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दर्ज कराई एफआईआर
याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि कानूनी नोटिस देने के बाद भी रेलवे का जवाब ना देना बता रहा हैं कि कहीं ना कहीं अवैध वेंडर्स को रेलवे का संरक्षण हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जस्टिस की डिविज़न बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए रेल मंत्रालय सहित पश्चिम मध्य रेलवे के जी एम, जबलपुर डीआरएम और फ़ूड सेफ़्टी विभाग को नोटिस जारी किया हैं। हाई कोर्ट ने संबंधितों को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।