जबलपुर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमारी और जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों को पकड़कर पूछताछ की तो हवाला के गोरखधंधे का खुलासा हुआ।सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम ने जांच के दौरान चार हवाला कारोबारियों के लैपटॉप और दस्तावेजों को भी खंगाला, हाल के दिनों में शहर में अगरबत्ती का काम करने वाले खूबचंद लालवानी को पकड़ा गया उसके लैपटॉप की जांच की गई तो यह खुलासा हुआ कि वह 2013 से ही इस गोरखधंधे में सक्रिय है। वह अकेला ही अब तक देशभर के 100 से ज्यादा शहरों में 4125 करोड रुपए हवाला के जरिए इधर से उधर कर चुका है।
पुराने टू व्हीलर से पहुँचाया जाता था हवाला का पैसा
खास बात यह है कि हवाला के लिए कई बार उसने डुमना एयरपोर्ट से फ्लाइट का भी सहारा लिया। इससे पहले भी तीन कारोबारियों के द्वारा 2120 करोड़ रु देश के अलग-अलग शहरों में भेजने का खुलासा हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक आईटी इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों ने खूबचंद लालवानी की डायरी और लैपटॉप की जांच की तो उसमें हवाला के पैसे पहुंचाने वालों के नाम और अन्य जानकारियां मिली | जांच में पता चला कि खूबचंद हर माह 1000 से ज्यादा लोगों को हवाला का पैसा पहुंचाता था। वह शहर में हवाला का पैसा पहुंचाने के लिए आमतौर पर पुरानी टू व्हीलर वाहनों का उपयोग किया करता था जिससे किसी का ध्यान उस पर ना जाये।
जबलपुर से ऑपरेट किया जा रहा प्रदेशभर में हवाला का सिंडिकेट
सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग की जांच में अभी तक यह खुलासा हुआ है कि जबलपुर से प्रदेशभर में हवाला का सिंडिकेट ऑपरेट किया जा रहा है। कुछ दिन पहले गाडरवारा से जीआरपी ने 46 लाख रुपए जप्त किए थे | महज 1 घंटे के भीतर ही है खबर प्रदेश भर के हवाला कारोबारियों के पास पहुंच गई और उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया। आईटी एक्सपर्ट ने जब जांच की तो पता चला कि गाडरवारा की घटना के बाद जबलपुर से हवाला के कारोबार को रोकने के लिए कहा गया है। हाल के दिनों में जबलपुर से हवाला के डेढ़ करोड़ रुपए ट्रेन से खंडवा जाने थे इसकी जिम्मेदारी दो व्यक्तियों को दी गई लेकिन वह पैसे व्यापारी तक नहीं पहुंचे। जानकारी ली तो पता चला कि जिन्हें पैसे पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी वह खंडवा तो पहुंचे लेकिन उन्होंने हवाले के पैसे देने की वजह व्यापारी को बताया कि पैसे जीआरपी ने ट्रेन में जप्त कर लिए हैं।जबलपुर जिला निर्वाचन अधिकारी छवि भारद्वाज भी मान रही है कि जबलपुर हवाला की मंडी बन गई है और अभी तक जांच में हजारों करोड़ रुपए हवाला के जरिए इधर से उधर पहुंचाने का खुलासा हुआ है।
अब तक इन लोगों के पास से मिला है हवाला का हिसाब-किताब
4124करोड रुपए…..खूबचंद लालवानी
1800 करोड़ रुपए…. पंजू गोस्वामी
250 करोड़ रुपए..अतुल खत्री
70 करोड़ रु…..दावित पंजवानी