Jabalpur News: प्रशासन ने फर्जी अस्पताल पर की छापेमार कार्रवाई, जाँच के बाद किया गया सील

अस्पताल में जो मेडिकल स्टोर चल रहा था, उसका लाइसेंस भी काफी समय पहले एक्सपायर हो चुका था।

Shashank Baranwal
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Jabalpur News: जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के निर्देश पर रांझी एसडीएम रघुवीर सिंह मरावी ने थाना प्रभारी रमन सिंह मरकाम और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर बिलपुरा स्थित तीन मंजिला मकान पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस की टीम ने फर्जी अस्पताल का भंडाफोड़ किया है। आपको बता दें यह अस्पताल गोविंद प्रसाद राय और उनकी पत्नी सीमा राय चला रही थीं।

3 घंटे तक चली कार्रवाई

छापामार कार्रवाई के दौरान मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों को गंभीर लापरवाही मिली, जिसके बाद करीब 3 घंटे तक कार्रवाई की गई और फिर बाद में अस्पताल को सील कर दिया गया। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने देखा कि यहाँ पर जो अस्पताल चल रहा था उनके पास ना ही डिग्री थी और ना ही वह समुचित व्यवस्थाएं जोकि एक अस्पताल में होनी चाहिए। जाँच में यह भी पाया गया कि गोविंद प्रसाद राय ने बोर्ड में जो अपने आप को एमबीबीएस डॉक्टर बता रहे थे उनके पास कोई भी डिग्री नहीं थी।

लाइसेंस हो चुका था एक्सपायर

इसके अलावा गोविंद प्रसाद राय की पत्नी सीमा राय के पास आयुर्वेदिक डिग्री थी, लेकिन वह एलोपैथिक के नाम पर मरीजों का इलाज कर रही थी। इतना ही नहीं अस्पताल में जो मेडिकल स्टोर चल रहा था, उसका लाइसेंस भी काफी समय पहले एक्सपायर हो चुका था। अस्पताल के भीतर 6 बिस्तर भी लगे हुए थे। जहाँ पर फर्जी डॉक्टर गोविंद प्रसाद राय अपनी पत्नी सीमा राय के साथ मरीजों का इलाज करते थे। एसडीएम रघुवर प्रसाद मरावी ने जांच के बाद राय क्लिनिक को सील करवा दिया है।

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जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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