जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों से इलाज के लिए भारी-भरकम रकम वसूलना जबलपुर शहर के चार बड़े अस्पतालों को भारी पड़ गया है। शहर के निजी अस्पतालों के खिलाफ लगी जनहित याचिका पर शनिवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) को चार अस्पतालो की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि इन चारों अस्पतालों की बैंक गारंटी भी जब्त की जानी चाहिए।
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मेट्रो-सिटी-स्वस्तिक और अनंत अस्प्ताल की CGHS मान्यता रद्द
जबलपुर शहर की चार बड़े अस्पताल मेट्रो हॉस्पिटल, सिटी हॉस्पिटल, स्वस्तिक हॉस्पिटल और अनंत अस्पताल ने कोरोना संक्रमण के दौरान वहां भर्ती होने वाले cghs मरीजों का जब योजना के मुताबिक फ्री में इलाज करना होता है, तब इन्होंने भारी भरकम रकम वसूली थी। इसे लेकर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई। इस याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने सी.जी.एच.एस दिल्ली को जांच के बाद कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। जाँच में शहर के चार अस्पतालों की गलती पाई गई जिसके बाद अब इन अस्पतालों की cghs मान्यता रदद् करने के निर्देश हाई कोर्ट ने दिए है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह भी कहा है की इन चारों अस्पतालों की बैंक गारंटी भी जब्त की जाए।
लाभार्थियों से ली गई राशि भी करना होगा वापस
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ना सिर्फ शहर के चार बड़े अस्पतालों की cghs मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही यह भी कहा है कि लाभार्थियों से जो भी अधिक पैसा अस्पतालों ने वसूल किया है उसे भी वापस किया जाए। जानकारी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब प्राइवेट अस्पतालों को सीजीएचएस मान्यता प्राप्त लाभार्थियों को निशुल्क इलाज देना था उस दौरान उन्होंने अच्छी खासी रकम वसूल की थी।