जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने अब शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण अंचलों में अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। शहर के हालात जैसे-जैसे काबू में आ रहे हैं वैसे-वैसे गाँवों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। लिहाजा राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में इस संक्रमण को रोकने में अपनी ताकत झोंक दी है। हालांकि ग्रामीण अभी भी इस खतरनाक संक्रमण को लेकर लापरवाह बने हुए है, उन्हें न मास्क लगाने से मतलब है और न ही दूर रहने से।
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मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस का पालन करने से कोसों दूर हैं ग्रामीण
कोरोना की दूसरी लहर से जबलपुर का शहरी क्षेत्र भले ही उभर रहा हो पर ग्रामीण अंचलों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। इसकी एक वजह यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग न ही मास्क पहनने को अनिवार्यता समझते है और न ही दूर-दूर रहने की। महिलाए एक साथ कुएं से पानी भरने जाती हैं। सभी लोग एक साथ बैठकर बातें करते हैं और मिल जुल रहे हैं। इस हाल में प्रशासन को ग्रमीण क्षेत्रों में कोरोना पर काबू करने में काफी मशक्कत का सामना करना होगा।
जबलपुर में है कुल 516 ग्राम पंचायत
जबलपुर जिले में कुल 516 ग्राम पंचायत है जिसमें से अभी तक 303 ग्राम पंचायत में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है। जिला पंचायत कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 303 पंचायतों में अभी तक 1423 ग्रामीण कोरोना पॉजिटिव मिले है जिसमें से 728 स्वास्थ्य हो गए हैं। वहीं बाकी के 644 एक्टिव केस है जिनका इलाज किया जा रहा है। इसी तरह से अभी 30,000 ग्रामीणों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा भी वितरित की गई है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है प्रयास
जबलपुर संभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ संजय मिश्रा बताते है कि निश्चित रूप से शहरी क्षेत्र कोरोना संक्रमण से निपटने में कारगार साबित हो रहा है पर अभी भी ग्रामीण इलाकों में इसके लिए काम करने की जरुरत है। उन्होने बताया कि अभी तक कोरोना संबधित नियम कानून का गांव में सख्ती से पालन नही करवाया जाता था पर अब जबकि कोरोना ने गांव में भी अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है तो पुलिस-प्रशासन भी सख्त हो गया है। पहले गांव में भजन-विवाह अन्य कार्यक्रमों में लोगों की आवाजाही बहुत थी जिस पर अब पाबंदी लगाई जा रही है। इसी तरह अब ग्रामीण इलाको में भी कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा रहा है।
सीईओ से लेकर सरपंच-सचिव को सौंपा है जिम्मा
इधर ग्रामीण इलाकों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर जिला पंचायत सीईओ ने भी कोविड संबधित नियमों का सख्ती से पालन करने हेतु जनपद सीईओ, सरपंच-सचिव और ग्राम रोजगार सहायक को निर्देश दिए हैं। सीईओ ऋजु बाफना का कहना है कि गाँव में कोरोना से निपटने के लिए छात्रावासों को कोविड सेंटर बनाया गया है जिसमें की कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध मरीज को उसमे रखा जा सके। इसके अलावा पंचायत स्तर पर भी क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं जिसकी निगरानी का जिम्मा सरंपच-सचिव और रोजगार सहायक को सौंपा गया है।
कई पंचायतों में स्वयं ही लगा दिया लॉकडाउन
जबलपुर जिला पंचायत सीईओ की मानें तो जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना ने अपनी दस्तक देना शुरू कर दिया है, उसको देखते हुए बहुत सी ग्राम पंचायतों ने स्वत संज्ञान लेते हुए अपने गांव में लॉकडाउन लगा दिया है। इतना ही नहीं, बहुत से गांवों में तो दूसरे गांव से आने वाले ग्रामीणों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है। उनके इस प्रयास के चलते काफी हद तक कोरोना वायरस लगाम लगाई जा सकती है।
गाँव के इन पंचायतो में शुरू हुई सेंट्रल ऑक्सीजन की व्यवस्था
ग्रामीण इलाकों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के केसों को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पाटन-बरगी-सिहोरा-बरगी नगर में सेंट्रल ऑक्सीजन युक्त अस्पताल की शुरुआत कर दी है, जबकि शहपुरा-कुंडम-मंझौली में कार्य प्रगति पर है।