हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में जबलपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, एनजीटी के आदेश को सही ठहराया

अदालत ने मृतकों के परिजनों को 15 लाख मुआवजा राशि देने के एनजीटी के फैसले को सही बताया है। वहीं, घायलों, संपत्ति नुकसान व अन्य मदों के लिए फैक्ट्री मालिक NGT समक्ष आपत्ति उठा सकते हैं। हाईकोर्ट ने एनजीटी से फैक्ट्री मालिक की आपत्तियां सुनने के बाद मुआवजे पर फैसला लेने को कहा है।

Shruty Kushwaha
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Harda Firecracker Factory Blast Case : जबलपुर हाईकोर्ट ने हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में मुआवज़ा देने पर लगी रोक को हटा दिया है। इसी के साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के फैसले को सही ठहराया है।  अदालत ने मृतकों के परिजनों को पंद्रह लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। हरदा ब्लास्ट को लेकर अभी केवल मृत्यु के मामलों में ही मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। अदालत ने कहा है कि फैक्ट्री मालिक घायलों, संपत्ति नुकसान व अन्य मदों के लिए तय मुआवजे को लेकर एनजीटी में आपत्ति उठा सकते हैं।

हाईकोर्ट ने एनजीटी से फैक्ट्री मालिक की आपत्तियां सुनने के बाद मुआवजे पर फैसला लेने को कहा है। इस मामले में याचिकाकर्ता को घायलों और पीड़ितों के वर्गीकरण, संपत्ति और मकानों के नुकसान तथा विस्थापन के लिए मुआवजे की राशि का निर्धारण करने पर आपत्ति उठाने का अधिकार होगा। इन आपत्तियों पर सुनवाई के बाद, एनजीटी कानून के अनुसार विचार कर अपना आदेश सुनाएगा।

हरदा ब्लास्ट मामले पर हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

हाईकोर्ट ने बहुचर्चित हरदा ब्लास्ट के मामले में साफ किया कि अभी केवल मृत्यु के मामलों में ही मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता फैक्ट्री मालिकों को यह स्वतंत्रता दी है कि वे घायलों, संपत्ति नुकसान व अन्य मदों के लिए तय मुआवजे को लेकर एनजीटी में आपत्ति उठा सकते हैं। कोर्ट ने एनजीटी को कहा है कि सभी बिंदुओं पर विस्तृत सुनवाई के बाद अंतिम आदेश जारी करें।

क्या है मामला

बता दें कि छह फरवरी 2024 को हरदा की पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट हुआ था और इस हादसे में 13 लोगों की जान चली गई थी। घटना में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे और आसपास बने 60 मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। जिस दिन ये हादसा हुआ, उसी दिन एनजीटी ने मृतकों व घायलों को मुआवजा देने का आदेश जारी किया था। एनजीटी ने प्रशासन को आदेश दिया था कि फैक्ट्री मालिकों की संपत्ति की नीलामी कर मुआवजे की राशि जुटाई जाए। 

इसके बाद फैक्ट्री के मालिक सोमेश अग्रवाल और राजेश अग्रवाल ने एनजीटी के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने दलील दी कि घटना के दिन ही एनजीटी ने मुआवजा देने का आदेश दिया, जबकि उस दिन घायलों और संपत्ति के नुकसान का सही आंकलन भी नहीं हुआ था। उनका यह भी कहना था कि कई लोग गलत तरीके से मुआवजे का दावा कर रहे हैं। इसे लेकर अब हाईकोर्ट ने एनजीटी के फैसले को सही ठहराते हुए मृतकों के परिवार को पंद्रह लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। वहीं, घायलों, संपत्ति नुकसान व अन्य मदों के लिए तय मुआवजे को लेकर एनजीटी में आपत्ति उठाई जा सकती है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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