Jabalpur Bishop Pc Sharma Case : EOW की जद में आए पूर्व बिशप पीसी शर्मा सहित तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ सोमवार को न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया। जबलपुर में शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग तथा मिशन की संपत्ति में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पूर्व बिशप जेल में बंद है, उसके साथ ही बेटा और फर्जीवाड़े में शामिल सुरेश जैकब भी सलाखों के पीछे है, पूर्व बिशप पीसी सिंह सहित इन तीनों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने सोमवार को न्यायालय में चालान पेश कर दिया। ईओडब्ल्यू ने विभिन्न धाराओं के तहत आठ हजार पन्नों का चालान पेश किया। विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद पूर्व बिशप के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। पूर्व बिशप की बेटी प्रियंका को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रियंका ने हैदराबाद में रहकर एमबीबीएस का कोर्स किया था। एमबीबीएस कोर्स में लगभग पांच करोड़ रुपये व्यय हुए हैं।
यह था मामला
शिकायते मिलने के बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने 8 सितंबर को तत्कालीन बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी। दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपये नगद, 48 बैंक खाते, डालर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाड़ियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। कार्रवाई के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर जर्मनी में था। ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक में साढे़ 6 करोड़ रुपये जमा थे। इसके अलावा पीसी सिंह ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी। बिशप रहते हुए पीसी सिंह जमीन का विक्रेता खुद बना और क्रेता भी स्वयं बना था।
हुए थे कई बड़े खुलासे
ये भी पता चला कि पीसी सिंह के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 60 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उसने फर्जी तरीके से संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाकर मिशनरी स्कूलों पर कब्जा कर लिया था। मिशनरी स्कूल की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम पर दर्ज करवा ली थी। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण में पीसी सिंह की पत्नि नीरू सिंह, खास राजदार सुरेश जैकब, बेटा पीयूष तथा बीके सोलंकी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। लोक सेवक होने के कारण अभियोजन की अनुमति नहीं होने पर बीके सोलंकी के खिलाफ चालान पेश नहीं किया गया।