Jabalpur News: लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, नरसिंहपुर जिले में पदस्थ रेंजर और डिप्टी रेंजर को रिश्ववत लेते रंगे हाथों पकड़ा

आवेदक द्वारा रेंजर दिनेश मालवीय एवं डिप्टी रेंजर कमलेश चौहान से वाहनों और लकड़ी को छोड़ने का निवेदन किया तो उन दोनों के द्वारा मामला हल्का बनाने रिश्वत की मांग की गई।

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Jabalpur News: जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में पदस्थ रेंजर और डिप्टी रेंजर को 50 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इस रिश्वतखोरी के मामले में खास बात यह है कि दोनों ही अधिकारियों ने कार्यालय के अंदर ही रिश्वत ली थी।

लकड़ी भरे ट्रक को किया जब्त

आवेदक योगेंद्र सिंह पटेल निवासी गया दत्त वार्ड स्टेशन गंज नरसिंहपुर टिम्बर मर्चेंट का व्यवसाय करते हैं। उन्होंने जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में रेंजर और डिप्टी रेंजर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। दरअसल, योगेंद्र सिंह पटेल ने वन विभाग से लकड़ी कटवाने की लिखित अनुमति ली थी, जिसके बाद 18 मई को शाम 7 बजे ग्राम सगड़ा गोटेगांव में एक किसान के खेत से सतकटा की लकड़ी कटवा कर हाइड्रा वाहन से ट्रक में भरवाया जा रहा था। ट्रक में लकड़ी लोड होने के बाद टीपी  लिया जाना था, इसी दौरान रेंजर दिनेश मालवीय और डिप्टी रेंजर कमलेश चौहान ने अपने स्टाफ के साथ ग्राम सगड़ा में मौके पर आकर हाइड्रा वाहन एवं लकड़ी भरे ट्रक को जब्त कर उसे श्याम नगर फॉरेस्ट चौकी गोटेगांव में खड़ा करवा दिया।

कम जुर्माने की एवज में मांगी रिश्वत

जब आवेदक द्वारा रेंजर दिनेश मालवीय एवं डिप्टी रेंजर कमलेश चौहान से वाहनों और लकड़ी को छोड़ने का निवेदन किया तो उन दोनों के द्वारा मामला हल्का बनाने और कम जुर्माना लगाने के एवज में 50,000 की रिश्वत की मांग की गई, जिसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में की गई। फिलहाल, दोनों अधिकारियों को लोकायुक्त की तरफ से रंगे हाथों पकड़ लिया।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट

 


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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