Mon, Dec 29, 2025

Jabalpur News: जिला प्रशासन के खोखले दावों के बीच कोरोना संक्रमित मां ने तोड़ा दम, दर-दर भटका बेटा

Written by:Pratik Chourdia
Published:
Last Updated:
Jabalpur News: जिला प्रशासन के खोखले दावों के बीच कोरोना संक्रमित मां ने तोड़ा दम, दर-दर भटका बेटा

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) में दिन प्रतिदिन कोरोना (corona) के हालात बिगड़ते जा रहे है। जिला प्रशासन (district administration) के अधिकारी स्वास्थ विभाग (health department) के साथ मिलकर कार्यालय (office) में बैठक करने में जुटे हुए है। इधर, धरातल में मरीज (patient) और उनके परिजनों की हालत खराब हो रही है। संस्करधानी जबलपुर में सोमवार को एक बुजुर्ग महिला ने इलाज (treatment) के आभाव में दम तोड़ दिया। महिला का बेटा (son) अपनी कोरोना पाॅजिटिव मां (corona positive mother) के इलाज के लिए निजी अस्पताल (private hospital) में भटकता रहा पर उसे कहीं भी भर्ती नही किया गया। थक हारकर युवक ने अपनी मां के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज की तरफ रुख किया पर रास्ते में ही उसकी माँ की मौत हो गई।

मर गई है निजी अस्पताल की मानवता
जबलपुर जिला प्रशासन भले ही निजी अस्पतालों पर लगाम कसने की बात कह रहा हो पर जमीनी स्तर पर ठीक इसके विपरीत हो रहा है। निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए मरीज परेशान हो रहे हैं तो वहीं अभी भी निजी अस्पताल में मरीज के परिजनों को लूटने का काम जारी है। कमोवेश सोमवार को भी इसी तरह के हालात निजी अस्पताल में देखने को मिले जब एक बेटा अपनी बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव मां को भर्ती करवाने के लिए यहां-वहां भटकता रहा पर किसी भी अस्पताल ने उसकी मां को भर्ती नहीं किया।

बेटा नहीं बचा पाया अपनी मां की जान
एक बेटा अपनी मां को जिंदगी दिलाने की जद्दोजहद में कई घंटे तक यहां-वहां भटकता रहा। कभी इस निजी अस्पताल तो कभी उस निजी अस्पताल में जाकर युवक ने हाथ भी जोड़ा और अपनी मां को भर्ती कराने के लिए पांव भी पड़े पर जिस अस्पताल में वह जाता उसी अस्पताल में यह कहा जाता कि अभी बेड खाली नहीं है। आखिरकार युवक थक हार कर मेडिकल कॉलेज की तरफ अपनी  मां को लेकर जाने लगा पर रास्ते में ही उसकी मां ने दम तोड़ दिया।

यह भी पढ़ें… Bribe: सागर लोकायुक्त की कार्रवाई- 5 हजार की रिश्वत लेते पटवारी रंगेहाथों गिरफ्तार

सिस्टम के मुंह पर तमाचा-धरा रह गया प्रशासन का दावा
जिला प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि वह निजी अस्पताल के खिलाफ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा पर जिस तरह से सोमवार को हकीकत सामने आई है वह निश्चित रूप से जिला प्रशासन के मुंह पर एक तमाचा है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन निजी अस्पताल पर किस तरह की कार्यवाही सुनिश्चित करता है।