नीट पीजी काउंसलिंग मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, एनआरआई कोटे की सीट भरने पर लगाई अंतरिम रोक

उच्च न्यायालय के जस्टिस एस ए धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने प्रदेश में नीट पीजी काउंसिलिंग से जुड़े सीट मैट्रिक्स के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Jabalpur News : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने नीट पीजी एनआरआई कोटा की सीट को भरने पर अंतरिम रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि फैसले के बाद ही काउंसलिंग व सीटों का आवंटन हो सकेगा। फिलहाल उच्च न्यायालय ने इस पूरे मामले पर अभी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

बता दें कि भोपाल निवासी डॉक्टर ओजस यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह अंतरिम रोक लगाई है। याचिकाकर्ता के द्वारा उच्च न्यायालय को बताया गया कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 15% सीटें एनआरआई कोटे के लिए है। लेकिन डीएमई ने आरक्षण समान रूप से लागू नहीं किया।

MP

अब खाली रहेगी एनआरआई कोटे की सीटें

इधर उच्च न्यायालय के अंतरिम रोक के चलते असर यह हो रहा है कि एनआरआई कोटे की सीटें खाली रहेगी और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही इन सीटों पर काउंसलिंग और आवंटन हो सकेगा।

असमानता प्रतिभावान छात्रों में अवसरों को करता है सीमित

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि चुनिंदा 8 ब्रांच में एनआरआई कोटे के तहत 40 से 50% सीटे आवंटित कर दी गई जबकि अन्य ब्रांच में यह सीमा 15% तक ही रही जिसके चलते यह असमानता प्रतिभावान छात्रों के लिए अवसरों को सीमित करती है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News