जबलपुर, संदीप कुमार। ओबीसी आरक्षण की सुनवाई को लेकर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने हाईकोर्ट के नवनियुक्त न्यायाधीश पी.के कौरव के अनुरोध पर इस सुनवाई के लिये निर्धारित सदस्य पद से उन को अलग कर दिया है। इसके बाद से अब श्री कौरव ओ.बी.सी आरक्षण मामले की सुनवाई नहीं करेगें। इस बदलाव के पीछे कारण यह है कि न्यायमूर्ति श्री कौरव ने महाधिवक्ता पद पर रहते हुए ओबीसी आरक्षण में सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रखा था।
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श्री कौरव ने महाधिवक्ता के रूप में कई प्रकरणों में अपने विचार भी रखे थे, जिसमे कई अभिमतों को चुनौती भी दी गई थी, जो जेडीए ने सर्कुलर जारी किये थे। श्री कौरव द्वारा सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चुनौती भी दी थी। न्यायमूर्ति श्री कौरव के इस निवेदन पर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने न्यायाधीश पी.के कौरव को ओबीसी आरक्षण सुनवाई से अलग किया है।
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ओबीसी आरक्षण को लेकर सभी 55 याचिकाओ की त्वरित सुनवाई कर निराकृत करने का सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य शासन की एसएलपी पर 21 मार्च 2022 को हाइकोर्ट को निवेदांत्मक निर्देशित किया था। समस्त प्रकरण आज सुनवाई हेतु मुख्यं न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली युगल पीठ में सीरियल क्रमांक 44 से 54 पर लिस्टेड थी। प्रकरणों में मध्यप्रदेश शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह एवं विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद साह उपस्थित हुए।