जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट में एक वकील ने अपने केस की दलील जज के सामने हिंदी में रखी। जिस से प्रभावित होकर कोर्ट ने भी अपना फैसला राष्ट्रभाषा हिंदी में ही लिखा। हाई कोर्ट में यह फैसला जस्टिस वीरेंदर सिंह की एकल पीठ ने जमानत से जुड़े एक प्रकरण में दिया गया। हाई कोर्ट जस्टिस के हिंदी में फैसला सुनाए जाने का कोर्ट में मौजूद अधिवक्ताओं ने भी अभिवादन किया और खुशी जताई।
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस वीरेंदर सिंह ने हिंदी में पैरवी करने वाले वकील की जमकर प्रशंसा की। प्रकरण के अनुसार समनापुर जिला रायसेन निवासी रामकुमार, ओमप्रकाश एवं बेनी सिंह राजपूत को जानलेवा हमला करने पर निचली अदालत से 4 साल की सजा सुनाई थी। अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा ने जमानत आवेदन अंग्रेजी में तैयार कर पेश किया।
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लेकिन जब सुनवाई शुरू हुई तो वकील ने उस दौरान हिंदी में पैरवी की, उन्होंने तर्क दिया कि इस पूरे प्रकरण में निचली अदालत के सामने सही रूप से तथ्य नहीं रखे गए क्योंकि इसके विचारण में अभी समय लगेगा और मेरे आरोपियों के फरार होने की कोई अभी संभावना नहीं है इस पर कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली।