जबलपुर : एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने छात्रा का किया सम्मान, जानिए क्या है मामला

Amit Sengar
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जबलपुर, संदीप कुमार। गुरुवार को बीए फस्ट ईयर में पढ़ने वाली छात्रा कोचिंग से घर जा रही थी तभी बाइक सवार दो लूटेरे उसके करीब आए और मोबाइल फोन छीनकर भागने लगे, छात्रा ने साहस का परिचय देते हुए मोबाइल छीनकर भाग रहे लूटेरे की जैकिट पकड़ी और उसे गिरा दिया इतने में और लोग आ गए और एक आरोपी को पकड़ लिया हालांकि दूसरा लुटेरा मोटरसाइकिल लेकर भागने में जरूर सफल हो गया जिसे की बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, पुलिस गिरफ्त में आया एक लुटेरा नाबालिग है जबकि दूसरा आदतन अपराधी है, बेखौफ होकर अपने मोबाइल फोन के लिए दो लूटेरो से भिड़ने वाली छात्रा ने यह भी नही सोचा कि उसकी जान को खतरा हो सकता है, छात्रा के इस साहस की मुरीद जबलपुर पुलिस भी हो गई।

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आज जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने छात्रा को अपने कार्यालय बुलाया और पुष्प गुच्छ देकर नासिर उसकी तारीफ की बल्कि उसे मध्य प्रदेश पुलिस की तरफ से प्रशस्ति पत्र भी सौंपा, जबलपुर एसपी के माने तो निश्चित रूप से छात्रा ने एक साहस भरा काम किया है जिसके चलते दो खतरनाक लुटेरे पुलिस गिरफ्त में आए हैं, छात्रा संध्या और महमूद का बरगी तहसील की रहने वाली है आज जब एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने उसका सम्मान किया तो वह खुश हो गई।

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इस दौरान छात्रा ने बताया कि जब वह लुटेरों से भिड़ रही थी उस दौरान उसे थोड़ा डर जरूर लगा था पर डर से ज्यादा उसे कीमती था अपना मोबाइल क्योंकि उसके परिवार वालों की हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह उसे दूसरा मोबाइल खरीद कर दे सकते इसलिए मोबाइल पाने के लिए बेखौफ होकर संध्या दोनों लुटेरों से भिड़ गई,छात्रा की पकड़ में आने के बाद एक लुटेरा वही मौके पर ही बाइक से नीचे गिर गया इस दौरान आसपास कई लोग आए और उन्होंने लुटेरों को पकड़ा वहीं दूसरा लुटेरा मौके से मोटरसाइकिल सहित भागने में कामयाब हो गया पकड़े गए लुटेरे को सिविल लाइन थाना पुलिस को सौंपा गया जहां पुलिस ने पूछताछ के दौरान टिहरी डैम में रहने वाले दूसरे लुटेरे को भी गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने बताया कि एक लुटेरा नाबालिग है जबकि दूसरे लुटेरे का नाम समीर है जो कि आज तक अपराधी है उसके खिलाफ कई मामले शहर के थानों में दर्ज हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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