किताबों को मूल्य से अधिक बेचने पर तहसीलदार ने की दुकान सील

Amit Sengar
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जबलपुर,संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) कलेक्टर के निर्देश पर रांझी नयाब तहसीलदार लगातार बच्चों के अभिभावकों से कॉपी-किताब की खरीदी को लेकर संपर्क में थे, कलेक्टर के निर्देश थे कि कोई भी बुक संचालक अधिक राशि ना वसूले, नयाब तहसीलदार से एक छात्र के परिजन ने शिकायत की और बताया कि नोदरा ब्रिज स्थित चिल्ड्रन बुक हाउस में 50 रु की किताब के एवज में 65 रु वसूल किए जा रहे हैं, छात्र ने कलेक्टर की गाइडलाइन को लेकर भी बुक संचालक से बात भी की इसके बाद भी कलेक्टर के आदेश को किनारे रखते हुए चिल्ड्रन बुक हाउस के संचालक ने 50 रु की किताब में 65 रु वसूल लिए गए।

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अभिभावक की शिकायत पर नायब तहसीलदार सुरेश कुमार सोनी नोदरा ब्रिज स्थित चिल्ड्रन बुक हाउस पहुंचे और वहां उन्होंने जाँच की तो पाया कि अभिभावकों से बुक संचालक अधिक पैसे वसूल कर रहे हैं, नायब तहसीलदार ने तुरंत दुकान को सील कर दिया, साथ ही उन्होंने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को भी प्रेषित की।

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किताबों को मूल्य से अधिक बेचने पर तहसीलदार ने की दुकान सील

किताबों के अधिक दाम वसूल किए जाने की शिकायत के बाद नयाब तहसीलदार सुरेश कुमार सोनी ने चिल्ड्रन बुक हाउस को सील कर दिया और जब वह अपनी गाड़ी में बैठ कर वहां से जाने लगे तब बुक संचालक और उनके परिजनों ने तहसीलदार के साथ न सिर्फ अभद्रता की बल्कि उन्हें धमकाने की भी कोशिश की, इतना ही नहीं नयाब तहसीलदार की गाड़ी को भी बुक संचालक और उनके परिजनों ने रोक लिया, सूचना के बाद ओमती थाना पुलिस मौके पर पहुंची तब जाकर तहसीलदार वहां से निकल पाए, नायब तहसीलदार सुरेश कुमार सोनी ने अपने साथ हुई अभद्रता और शासकीय काम में बाधा डालने की शिकायत ओमती थाने में दर्ज करवाई।

नयाब तहसीलदार ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर वह चिल्ड्रन बुक हाउस की जांच करने पहुंचे थे जहां पर कि अभिभावकों से अधिक दाम किताब के एवज में वसूल किए जा रहे थे जिसके बाद उन्होंने चिल्ड्रन बुक हाउस को सील कर दिया और जब वह वहां से जा रहे थे उस दौरान उनसे अभद्रता की गई, फिलहाल पुलिस ने नायाब तहसीलदार की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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