Indias Got Talent की फस्ट रनर अप ने बताया सफलता का राज

Amit Sengar
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जबलपुर, संदीप कुमार। संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur) की इशिता विश्वकर्मा (Ishita Vishwakarma) ने सारेगामापा (Saregamapa) जीतने के बाद इंडिया गोट टेलेंट (indias got talent) में भी फस्ट रनर अप की ट्राफी जीती है, उन्होंने बताया कि पग-पग पर उनका साथ देने का काम मां तेजल विश्वकर्मा ने किया है, जो उन्हें किसी भी परिस्थिति से लडने व संघर्ष करने के लिए हमेशा मजबूत करती रहती थी, तो वहीं उनके संगीत के गुरू प्रकाश विरूड़कर, अलोक वर्मा व डॉ शिप्रा सुल्लेरे उन्हें संगीत में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन क रने के लिए दिशा-निर्देश दिया करते हैं, जिनकी बदौलत आज वह यहां तक इस सफलता की उड़ान की ओर बढ़ रही है।

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इशिता से जब उनके स्व.पिता के विषय मे बात की गई तो उनके चेहरे में मायूसी आ गई और उन्होंने बताया कि उनके पिता अंजनी विश्वकर्मा की इच्छा थी कि उनके बेटी बेहतर मुकाम पर पहुंचे और आज जब वह सफलता की उड़ान भर रही है, तब उनके पिता साथ नहीं, इस बात का हमेशा उन्हें दुख रहता है कि जब उनकी लाड़ली बेटी ने सफलता हासिल कर ली है,तब आखिर पिताश्री को ईश्वर ने अपने पास आखिर क्यों बुला लिया, लेकिन इस दौरान इशिता ने बताया कि उनके पिता का साया उनके साथ-साथ रहा, तभी वह आज इस मुकाम तक पहुंच सकी और उनके पापा के कोर्ट को पहन कर उन्होंने इंडियाज गॉट टैलेन्ट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

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इशिता विश्वकर्मा ने बताया कि फिल्म सीता के लिए प्लेबैक करने का मौका उन्हें मिला है, जो की कंगना रानौत द्वारा अभिनीत फिल्म होगी और अजय अतुल का संगीत निर्देशन होगा,चर्चा में उन्होंने बताया कि इंडियाज गॉट टैलेंट में वह यही इच्छा लेकर गई थी की उन्हें फिल्मों में गाने का मौका मिले, उनकी वह इच्छा इंडियाज गॉट टेलेंट के जज मनोज मुंतशिर ने पूरी कर दी। जिसमें अब वह जल्द अपनी अहम भूमिका अदा करेंगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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