असल जिंदगी में ‘खतरों का खिलाड़ी’ : ट्रेन के पहियों के बीच बैठकर शख्स ने 250 किमी तय किया सफर, रेलवे अधिकारियों के देख उड़े होश

कौन है ये युवक पता नहीं कोच के बीच में बैठकर सही सलामत इटारसी से जबलपुर तक आए युवक को जिसने भी देखा, देखता रह गया।

Amit Sengar
Published on -

Jabalpur News : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से बड़ी खबर आ रही है जहाँ एक शख्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर करीब 250 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है। खुलासा तब हुआ जब रेलगाड़ी जबलपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंची।

घटना इटारसी-जबलपुर की है, जहां पर एक व्यक्ति ने पूरा सफर ट्रेन के पहिए पर बैठकर तय किया। खुलासा तब हुआ जब ट्रेन जबलपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंची। इस दौरान रेल कर्मचारी जब एस-4 कोच के पास जांच कर रहे थे, तभी उनकी नजर कोच के नीचे लेटे एक व्यक्ति पर पड़ी। रेल कर्मचारी ने तुरंत ही पायलट को वायरलेस पर सूचना देते हुए ट्रेन रुकवाई, और ट्रॉली में छुपे व्यक्ति को बाहर निकाला गया। कौन है ये युवक पता नहीं कोच के बीच में बैठकर सही सलामत इटारसी से जबलपुर तक आए युवक को जिसने भी देखा, देखता रह गया। मौके पर मौजूद रेल कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर करीब 250 किलोमीटर तक का सफर तय करने वाले युवक को पकड़ा और फिर उसे वैगन विभाग (एसीएंडडब्ल्यू) को सौंप दिया।

युवक को गिरफ्तार कर वैगन विभाग को सौंपा

रेल कर्मचारियों ने जब उससे सफर के विषय में पूछा तो उसने बिना डरे बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो टिकट ले सके, इसलिए उसने यह रास्ता चुना। युवक ने रेल कर्मचारियों को बताया कि वह बिना डरे ही दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन के एस-4 कोच के नीचे लोगों से छिपते हुए पहिए के नीचे बैठ गया और आराम से जबलपुर पहुंच गया। रोलिंग परीक्षण करने वाले एक रेल कर्मचारी ने बताया कि जैसे ही इसे पहिए के बीच देखा तो होश उड़ गए। जानकारी तुरंत ही रेल अधिकारियों की भी दी गई है।

जिम्मेदार अधिकारियों ने जताई गहरी चिंता

बता दें कि इटारसी से जबलपुर आने वाली ट्रेन दानापुर की गुरुवार की शाम को जब रेल कर्मचारी जांच कर रहे थे, उसी दौरान पहिए के बीच में बनी एक जगह में कुछ हरकत देखी। कर्मचारी कोच के नीचे गए तो देखा कि एक युवक छिपकर बैठा हुआ है। जांच के दौरान कैरिज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों ने ट्रेन की रोलिंग में छिपे युवक को देखा तो उनके होश उड़ गए। घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर गहरी चिंता जताई है। उनका मानना था कि अगर कोई अनहोनी हो जाती, तो यह बड़ा हादसा हो सकता था। युवक ने बताया कि वह इटारसी से कोच के नीच छिपकर यहां तक आया है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News