Khelo India Youth Games 2022 : MP की खो खो टीम का निराशाजनक प्रदर्शन, प्रतियोगिता से बाहर

Atul Saxena
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Khelo India Youth Games 2022 : मध्य प्रदेश में खेले जा रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 के तहत अलग अलग गेम्स की मेजबानी कर रहे 8 शहरों में उत्साह का माहौल है, खिलाड़ी अपनी तरफ से जी जान लगा रहे हैं लेकिन कहीं निराशा दिखाई दे रही है कहीं ख़ुशी ।  इसी क्रम में जबलपुर में खेली जा रही खो खो प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश की बालक और बालिका दोनों ही टीमों ने निराश किया और ख़राब प्रदर्शन के चलते हारकर प्रतियोगिता से ही बाहर हो गई।

Khelo India Youth Games 2022 : MP की खो खो टीम का निराशाजनक प्रदर्शन, प्रतियोगिता से बाहर

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खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खो खो के मुकाबले जबलपुर के रानीताल स्टेडियम में खेले जा रहे हैं, प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही मध्य प्रदेश की  खो खो टीम का प्रदर्शन तीसरे दिन भी निराशाजनक रहा। मध्य प्रदेश की बालक एवं बालिका की टीम अपने अपने मैचों को हारकर आज बाहर हो गई। बालिका वर्ग की टीम को तमिलनाडु की टीम ने आज हराकर बाहर कर दिया। बालिका वर्ग की टीम अपने तीनों मैच हार गई। हालांकि बालक वर्ग की टीम ने तेलंगाना को जरूर हराया है पर पहले अपने दो मैच हारने के बाद उन्हें भी गेम से बाहर होना पड़ा।

MP की बालिका टीम को तमिलनाडु ने हराया 

रानीताल स्टेडियम में खेले गए ग्रुप ए के मैच में मध्य प्रदेश की बालिकाओं का सामना तमिलनाडु की टीम से हुआ जिसमें तमिलनाडु ने मध्य प्रदेश की बालिका टीम को 6 पॉइंट से हरा दिया। तमिलनाडु की टीम को 22 पॉइंट मिले जबकि मध्य प्रदेश की बालिका वर्ग की टीम को 16 पॉइंट से संतोष करना पड़ा। वहीं बालिका टीम के ग्रुप बी के मैच में आंध्रप्रदेश ने छत्तीसगढ़ की टीम को हराया।

बालक वर्ग ने मैच जीता लेकिन प्रतियोगिता से बाहर 

बालक वर्ग के मैच में मध्य प्रदेश ने तेलंगाना को 2 पॉइंट से जरूर हरा दिया। लेकिन पिछले मैचों में ख़राब प्रदर्शन के चलते ये टीम भी प्रतियोगिता से बाहर हो गई ।  खो-खो में करारी हार पर बालिका टीम की कोच गोल्डी ने कहा कि हमारी खिलाड़ियों ने बेहतर प्रैक्टिस की थी लेकिन सामने वाली टीम अच्छा खेली इसलिए वह जीत गई।

 जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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