जबलपुर, संदीप कुमार
रविवार की रात्रि और सोमवार की सुबह हुई जोरदार बारिश के कारण शहरवासियों का जीना मुहाल हो गया। एक तरह जहाँ नदी, नाले उफान में आएं और सड़कें, कॉलोनियां, बस्तियां जलमग्न हो गई। इस बीच एक तस्वीर ऐसे आई जब जबलपुर के एक क्षेत्र में कार भारी बारिश के कारण नाले में समा गई। जानकारी के मुताबिक ग्रीन पार्क, आदर्श नगर, नर्मदा रोड़, ग्वारीघाट, जबलपुर के पास स्थित एक एक कार नाले में बह गई, जो कि क्षतिग्रस्त हो गई।जानकारी मिली है कि यह कार किसी कोरियर संचालक है।
कई मकान भी गिरे बारिश से,प्रशासन ने मुआवजा के लिए सर्वे का काम किया शुरू
जबलपुर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से अब गरीबों की शामत आ गई है महज चंद घंटों की हुई बारिश के बाद उफ़नाये नालों ने कई कच्चे मकानों को शिकार बनाया है।ताजा मामला ग्वारीघाट के बादशाह हलवाई मंदिर के पास का है जहाँ पर कि आज सुबह भरभरा कर एक साथ 4 से 5 मकान गिर गए।इस हादसे में गरीबों की पूरी गृहस्थी पानी में मिल गई वही मकान गिरने से एक 50 वर्षीय बुजुर्ग उसमें दब गए थे जिसे कड़ी मशक्कत करने के बाद स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बीती रात से हो रही बारिश के चलते ग्वारीघाट में करीब 25 से 30 मकानों में पानी घुस गया। पानी इतना तेज था कि गरीबों की गृहस्थी को उसने पूरी तरह से खराब कर दिया,वही चार से पांच मकान भरभरा कर गिर गए।राम बाई बताती है कि कल रात से हो रही बारिश से आसपास के कई घरों में पानी भर गया इंतजार था कि सुबह होने के बाद कुछ व्यवस्था की जाएगी पर सुबह सुबह ही एक साथ करीब चार से पांच मकान गिर गए।
गृहस्थी हुई तबाह
राजकिशोर बर्मन बताते है कि वह मजदुरी करते है किसी तरह उन्होनें कच्चा मकान बनवाया था पर बीती रात से हुई लगातार बारिश ने हमारा आशियाना तोड़ दिया है परिवार के एक सदस्य मकान गिरने के कारण उसमें दब कर रह गए जिन्हें बमुश्किल निकाला गया।
कलेक्टर ने दिया मुआवजा देने का आश्वशन
जबलपुर कलेक्टर का कहना है कि निश्चित रूप से जिस तरह से रात को पानी गिरा है उससे शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है नगर निगम को निर्देश दिए गए है कि वह उन स्थानों को जाकर मुआवना करे साथ ही वहाँ रह रहे लोगो की मदद करे जहाँ-जहाँ पानी भरा हुआ है।कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि जिनका भी बारिश से नुकसान हुआ है उसके लिए तहसीलदारो को निर्देशित किया गया है कि वे सर्वे करे जिससे की उन्हें आरबीसी6-4 के तहत मुआवजा दिया जा सके।