जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका पर निर्देश दिया है कि अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को गंभीरता से लिया जाए। आवेदक एक सप्ताह के भीतर नए सिरे से आवेदन करे। उसका आवेदन एक माह के भीतर नियमानुसार निराकृत किया जाएगा। दरअसल याचिकाकर्ता के पिता शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मी थे। नौकरी के दौरान उनका निधन हो गया। पिता की मौत के व्यक्त आवेदक बालिग नहीं था, तब अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन नहीं किया। जब वह बालिग हो गया, तो आवेदन किया। लेकिन उसके आवेदन पर विभाग ने कोई काम नहीं किया, पिता के न रहने के बाद से याचिकाकर्ता के परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है।

करीना ने युवराज के साथ ली Selfie, वायरल हुआ ये सेलेब मूमेंट

नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है, लेकिन उसे लगातार भटकाया जा रहा था, याचिकाकर्ता को परेशान किया जा रहा था। इस वजह से पूरा परिवार संकटग्रस्त हो गया। कोविड काल में कर्जदार होने के हालात बन गए। सारी जमा पूंजी खर्च हो गई। ऐसे में आवेदन को स्वीकार कर अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि आवेदक द्वारा नए सिरे से प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन को हर हाल में एक माह के भीतर नियमानुसार निराकृत किया जाए। अनुकंपा नियुक्ति की नीति का भी पालन सुनिश्चित किया जाए। इस तरह आवेदन दरकिनार करना उचित नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति मे बरती जाने वाली लापरवाही पर निर्देश दिए की ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।