MP Election 2023 : दो दिन पहले ही शिवराज कैबिनेट का विस्तार हुआ है और मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरों को एंट्री दी गई। उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी, गौरीशंकर बिसेन और राजेंद्र शुक्ला को कैबिनेट में शामिल किया गया और इसके जरिए बीजेपी ने क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की है। लेकिन साथ ही जबलपुर संभाग को अनदेखा किए जाने को लेकर चर्चाएं भी होने लगी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जबलपुर संभाग के साथ फिर नाइंसाफी हुई है और अजय विश्नोई को मंत्री न बनाए जाने को लेकर सवाल किए।
अब इस मुद्दे पर वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होने कहा कि उनका मानना था कि इस समय मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं होना चाहिए। इसीलिए उनका मंत्री बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता। विश्नोई ने कहा कि ‘अगर मंत्री बन भी जाते तो एक डेढ़ महीने में कौन सा विकास कर लेते और सरकार के लिए कौन सा योगदान दे देते। ये कहीं से संभव नहीं था।’
अजय विश्नोई ने कहा कि चूंकि उन्हें मंत्री बनना ही नहीं था इसीलिए वो लाइन में लगे ही नहीं थे और भोपाल के चक्कर भी नहीं लगाए। वहीं आगे बात जोड़ते हुए उन्होने कहा कि अब अगली बार जब बीजेपी जीत जाए और सरकार में मंत्रिपरिषद बनें, तब अपनी बात करेंगे, उसकी लड़ाई लड़ेंगे। और तब अपना कुछ योगदान भी दे पाएंगे। उन्होने कहा कि अभी एक डेढ़ महीने के लिए मंत्रीपद पाकर किसी भी तरह का योगदान देना संभव नहीं इसीलिए वो इस दौड़ में नहीं थे। इस तरह उन्होने अपनी तरफ से मामले का पटाक्षेप कर दिया है। लेकिन अगली बार अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वो मंत्री बनने के इच्छुक होंगे, ये बात भी साफ कर दी है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट