हिन्दू-मुस्लिम जोड़े की शादी पर HC ने लगाई रोक, आदेश जारी, राज्य सरकार और कलेक्टर को भेजा नोटिस, मांगा जवाब 

हिन्दू युवती और मुस्लिम युवक की शादी के मामले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया गया है। सिंगल बैच के आदेश को रद्द कर दिया है। 

Manisha Kumari Pandey
Published on -
mp highcourt

MP High Court Decision: बहुचर्चित हिन्दू-मुस्लिम जोड़े की शादी के मामले पर बड़ी अपडेट आई है। HC चीफ जस्टिस की डिवीज़न बैंच ने सिंगल बैंच के आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने पाया कि  सिंगल बैंच को यह मामला डिवीजन बैंच में रिफर करना था। नए आदेश के तहत 12 नवंबर को हिन्दू युवती और मुस्लिम युवक की शादी नहीं होगी।

इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने मुस्लिम युवक, राज्य सरकार और जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी किया है। उनसे जवाब भी मांगा है। हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत इस शादी को वैध बताया था।

सिंगल बैंच का आदेश (Jabalpur Highcourt News)

बता दें पिछले महीने हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने पुलिस अधीक्षक को हिन्दू-मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा देने का निर्देश दिया था। दोनों एक साथ पिछले एक साल से लीव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं। अब शादी करने की इच्छा रखते हैं। हिन्दू-मुस्लिम जोड़े की तरफ ने याचिका दायर करके कोर्ट से पुलिस सुरक्षा की माँग की थी। वरना महिला को उनके परिवार वाले अगवा भी सकते हैं। उनके जीवन को भी खतरा है। दोनों पक्षों को सुनते हुए कोर्ट ने मुस्लिम युवक और हिन्दू युवती दोनों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आदेश जारी किया है।

12 नवंबर को होने वाली थी शादी (Hindu Muslim Marriage Case)

कोर्ट ने कहा था कि 11 नवंबर तक महिला जहां उसके परिवार या मुस्लिम युवक के परिवार के सदस्य संपर्क नहीं कर पाएंगे। वह युवक से शादी करने के अपने फैसले के लिए स्वतंत्र है। 12 नवंबर को विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए रजिस्ट्रार के सामने बयान दर्ज होगा।”

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News