आदेश का पालन नहीं करना पड़ा भारी, IAS शिल्पा गुप्ता के खिलाफ हाई कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

याचिकाकर्ता हरिओम यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 फरवरी 2025 को शिल्पा गुप्ता को नोटिस जारी कर 03 मार्च 2025 के पूर्व जबाब तलब किया  था, लेकिन शिल्पा गुप्ता ने नोटिस तामीली के बाबजूद भी, कोई जबाब दाखिल नहीं किया औऱ न ही महाधिवक्ता कार्यालय से संपर्क कर किसी भी सरकारी अधिवक्ता को अधिकृत किया गया

Atul Saxena
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Arrest Warrant Against IAS Shilpa Gupta : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर की डबल बेंच ने लोक शिक्षण संचनालाय की कमिश्नर शिल्पा गुप्ता को कोर्ट आदेश की अवमानना करने पर गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है, कोर्ट ने
शिक्षा विभाग की कमिश्नर शिल्पा गुप्ता को गिरफ्तार कर 23 मार्च को कंप्लायंस रिपोर्ट के साथ हाई कोर्ट में हाजिर करने का निर्देश दिया है।

आपको बता दें हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए 23 अक्टूबर 2024 को आदेश पारित कर आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस प्राथमिक शिक्षकों को उनकी पसंद अनुसार ट्रायबल से चार सप्ताह के अंदर डी.पी.आई. में पोस्टेड करने का आदेश दिया था, हाई कोर्ट के नोटिस तामीली के वावजूद भी शिल्पा गुप्ता कोर्ट में हाजिर नहीं हुई जिसके बाद आज हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है।

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में ये दिया था आदेश 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा तथा न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने दिनांक 23/10/2024 को विस्तृत आदेश पारित करके याचिकाकर्ता हरिओम यादव सहित पचास से अधिक शिक्षकों को मेरिट के आधार पर अनारक्षित वर्ग में ट्रायबल वेलफेयर स्कूल में की गईं पदस्थापना को अवैधानिक मानते हुए उसकी पहली पसंद के अनुसार याचिकार्ताओ के है वर्ग में, डी.पी.आई. के स्कूल में चार सप्ताह के भीतर पदस्थापना करने हेतु कमिश्नर DPI को निर्देशित किया गया था।

DPI कमिश्नर ने ना आदेश माना, ना कोर्ट में हाजिर हहुई

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी चार माह बीत जाने के बाबजूद भी DPI कमिश्नर शिल्पा गुप्ता ने हाई कोर्ट के आदेशों को कोई तबज्जो नहीं दी, वहीं अभ्यर्थियों के बार बार अनुरोध पर भी शिल्पा गुप्ता ने कोई ध्यान नहीं दिया उल्टा उनको ऑफिस से भगा दिया, उसके बाद तब याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में शिल्पा गुप्ता के विरुद्ध याचिका दायर कर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कार्यवाही की।

नोटिस तामीली के बाद भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुई IAS शिल्पा गुप्ता 

एक याचिकाकर्ता हरिओम यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 फरवरी 2025 को शिल्पा गुप्ता को नोटिस जारी कर 03 मार्च 2025 के पूर्व जबाब तलब किया  था, लेकिन शिल्पा गुप्ता ने नोटिस तामीली के बाबजूद भी, कोई जबाब दाखिल नहीं किया औऱ न ही महाधिवक्ता कार्यालय से संपर्क कर किसी भी सरकारी अधिवक्ता को अधिकृत किया गया, आज 07 मार्च 2025 को उक्त कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट याचिका क्रमांक CONC /5375/2024 की द्वितीय सुनवाई जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ द्वारा की गईं।

गिफ्तारी वारंट जारी, 23 मार्च को कम्पलायंस रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का आदेश

याचिकाकर्ता हरि ओम यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं शिवांशु कोल ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया  गया कि IAS शिल्पा गुप्ता के विरुद्ध हाई कोर्ट में दो सैकड़ा से अधिक अवमाना याचिकाए लंबित हैं किसी भी प्रकरण में रिपान्स नहीं दिया जाता है न ही न्यायालयों के आदेशों की कोई कद्र की जाती है, दलील सुनने के बाद कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ताओ से पूछा कि क्या किसी शासकीय अधिवक्ता को इंस्ट्रक्शन प्राप्त हुए है ? जबाब नहीं में मिला, तब हाईकोर्ट ने शिल्पा गुप्ता को 10,000/- रुपये का जमानती गिफ्तारी वारंट जारी कर 23 मार्च 2025 को कोर्ट में कम्पलायंस रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का आदेश पारित किया गया है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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