टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण पर MP हाई कोर्ट सख्त, तीन अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश

हाईकोर्ट

Jabalpur News : मध्य प्रदेश के पेंच और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बिना अनुमति अवैध निर्माण के मामले में एमपी हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने साल 2014 से लंबित जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए, प्रदेश सरकार के 3 आला अधिकारियों की जांच और कार्यवाही  के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वो तत्कालीन पी.सी.सी.एफ भोपाल, एम.पी ईको टूरिज्म बोर्ड के पूर्व सी.ई.ओ विनय बर्मन और वन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव ए.पी श्रीवास्तव के खिलाफ जांच करे और उन्हें दोषी पाने पर वैधानिक कार्यवाही भी करे।

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की डिविज़न बेंच ने अपने फैसले में साफ किया है कि अगर तीनों आला अधिकारियों की जांच नहीं करवाई जाती है तो याचिकाकर्ता फिर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि वो टाइगर रिजर्वस में बाघों की मौतें और शिकार को रोकने के लिए एनटीसीए यानि नेशनल टाइगर कन्ज़र्वेशन अथॉरिटी की अनुशंसाओं का सख्ती से पालन करे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....