दरअसल, 15 माह की कमलनाथ सरकार ने इस घोटाले में एस.आर मोहंती को क्लीन चिट दे दी थी, प्रदेश की सत्ता बदलने के बाद शिवराज सरकार ने मोहंती के खिलाफ फिर से विभागीय जांच शुरु कर दी थी, इस पर मोहंती कैट यानि (केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण) की शरण में पहुंच गए थे, केंद्रीय प्रशानिक अधिकरण (cat) ने मोहंती के खिलाफ जांच कार्यवाई पर रोक लगा दी थी।
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इसके बाद राज्य सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में पूरे मामले को लेकर एक अपील दायर की थी, इसमें कहा गया था कि कैट एस.आर मोहंती को जो अंतरिम राहत दी है वो उसके ही एक पूर्व आदेश के खिलाफ है और अंतरिम राहत के रूप में उन्हें अंतिम राहत नहीं दी जा सकती,जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कैट यानि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश को रद्द कर दिया है,साथ ही हाईकोर्ट ने मोहंती के खिलाफ विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्यवाई को सही ठहराया है, ऐसे में अब हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्य सचिव एस आर मोहंती के खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाई के रास्ते खुल गए हैं।