आरडीवीवी के कुलपति के खिलाफ NSUI का प्रदर्शन, रानी दुर्गावती की प्रतिमा का किया शुद्धिकरण

एनएसयूआई छात्र संगठन ने कुलपति के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और उनसे इस्तीफे की मांग की। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रही।

Amit Sengar
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Jabalpur News : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के जबलपुर में रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ एनएसयूआई (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन से पहले कार्यकर्ताओं ने रानी दुर्गावती की प्रतिमा का नर्मदा व गंगाजल और दूध से शुद्धिकरण किया फिर जबरन कुलपति के केबिन में घुसने का प्रयास किया गया मगर गेट लगाकर कार्यकर्ताओं को रोका गया। इधर एनएसयूआई ने आरोप लगाए कि डॉक्टर राजेश कुमार वर्मा कुलपति के लायक नहीं है, इसके बाद भी वह कुर्सी पर बैठे हुए। एनएसयूआई की मांग है कि जब तक राज्य सरकार अयोग्य कुलपति को नहीं हटाती है, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

बता दें कि एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन रजक के साथ कार्यकर्ता सबसे पहले विश्वविद्यालय के गार्डन में पहुंचे, जहां रानी दुर्गावती की प्रतिमा है। यहां पर कार्यकर्ताओं ने नर्मदा व गंगाजल और दूध से प्रतिमा का शुद्धिकरण किया, फूल बरसाए। इसके बाद कार्यकर्ता कुलगुरु के केबिन में जाने के लिए आगे बढ़े, जिन्हें गेट बंद कर रोका गया।

नर्मदा और गंगा जल से धोया गेट और गाड़ी

गेट में प्रदर्शन करने के बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गेट पर ही गंगा व नर्मदाजल से शुद्धिकरण की कार्रवाई की। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन रजक का कहना है कि कुलपति डॉक्टर राजेश कुमार वर्मा की फर्जी डिग्री है, इसके बाद भी सरकार के रहमो करम में वह रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की कुर्सी पर बैठे हुए है।

कुलपति के इस्तीफे की मांग

जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने कहा कि रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के कुलपति की मौजूदगी में जिस तरह से भ्रष्टाचार, रिजल्ट में गिरावट हो रही है। अब तो यूनिवर्सिटी की एक महिला टीचर ने उन पर अभद्र व्यवहार और गलत इशारा करने का आरोप लगाया है। एनएसयूआई ने कुलपति के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और उनसे इस्तीफे की मांग की। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रही।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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