जबलपुर में NSUI का अनूठा प्रदर्शन, कुलगुरु की महाआरती उतारने पहुंचे कार्यकर्ता, सुरक्षागार्ड ने रोका

बुधवार को कार्य परिषद की बैठक होना था, जिसकी जानकारी कुलगुरु, रजिस्ट्रार को 24 घंटे पहले दे दी गई थी, इसके बाद भी पांच लोगों को जाने नहीं दिया गया।

Amit Sengar
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Jabalpur News : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से एक बड़ी खबर आ रही है जहाँ रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉक्टर राजेश वर्मा के नियुक्ति के विरोध में एनएसयूआई के कार्यकर्ता आज विश्वविद्यालय पहुंचे जहां कुलगुरु की आरती उतारने के लिए केबिन के बाहर जाकर खड़े हो गए। हालांकि बार-बार मैसेज देने के बाद भी कुलगुरु जब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं पहुंचे तो वह वापस होकर बेरंग लौट गए।

बता दें कि बीते दो माह से एनएसयूआई कुलगुरु डॉक्टर राजेश वर्मा की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। बुधवार को NSUI महाआरती लेकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय पहुंचे। केबिन के सामने ही आरती करने के लिए महाआरती सजाई, इसके बाद कुलगुरु के केबिन में जाने की कोशिश की तो ताला लगाकर गेट को बंद कर दिया गया, जिसके बाद एनएसयूआई कार्यकर्ता केबिन के सामने महाआरती सजाकर 2 घंटे खड़े रहे।

महाआरती सजाकर 2 घंटे खड़े रहे NSUI कार्यकर्ता

एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक का कहना है कि कुलगुरु चाहे भ्रष्ट्र हो, या फिर दागदार, जैसे भी हो, पर है तो हमारे कुलगुरु, इसलिए आज हम अपने कुलगुरू की आरती करने आए थे, पर आज भी वो हमारा सामना करने को तैयार नहीं हुए, ऐसे में समझा जा सकता है, कि कहीं ना कहीं उनकी गलती है।

सुरक्षागार्ड ने रोका

एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने बताया कि बुधवार को कार्य परिषद की बैठक होना था, जिसकी जानकारी कुलगुरु, रजिस्ट्रार को 24 घंटे पहले दे दी गई थी, इसके बाद भी पांच लोगों को जाने नहीं दिया गया। आज भी अनुमति लेकर कुलगुरु की आरती उतारने आए थे। सचिन रजक ने बताया कि कुलगुरू छात्रों से मुलाकात तो करते नहीं है, पर आज कार्य परिषद की बैठक में जब भाजपा के नेता शामिल होने पहुंचे थे, तो कम से कम हमारी मुलाकात करवा देते है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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