सीमांकन का नक्शा पास करने रिश्वत मांग रही थीं पटवारी, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार

Atul Saxena
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Jabalpur Lokayukta Police Action : रिश्वत लेने वाले शासकीय सेवकों पर मप्र सरकार सख्त एक्शन ले रही है बावजूद इसके भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा, आज एक बार फिर लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए एक शासकीय सेवक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी ममता मोटवानी को 12000  रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, लोकायुक्त ने रिटायर्ड कोटवार को भी सह आरोपी बनाया है।

सीमांकन का नक्शा पास करने रिश्वत मांग रही थीं पटवारी, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक जबलपुर निवासी राजेंद्र प्रसाद की बरेला में एक एकड़ कृषि भूमि है जिसका सीमांकन हो चुका था पर नक्शा पास नही हो रहा था। ऐसे में नक्शा पास करवाने के लिए पटवारी ममता मोटवानी ने 15 हजार रुपए की मांग की। बाद में सौदा 12000 रुपए में तय हुआ।

रिश्वत मांगे जाने की शिकायत राजेंद्र प्रसाद ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की। शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने इसकी पुष्टि की और रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण जुटाया फिर समझाइश देकर आवेदक राजेंद्र प्रसाद को पटवारी के पास भेजा।

लोकायुक्त द्वारा बने गई ट्रेप की प्लानिंग के तहत आज आवेदक राजेन्द्र प्रसाद बरेला उप तहसील पहुंचे जहां पटवारी ममता मोटवानी को रिश्वत के 12000/- रुपए दिए, लेकिन पटवारी ने वहां मौजूद रिटायर्ड कोटवार प्रकाश झरिया को बोला कि पैसे रख लो।

जैसे ही राजेन्द्र प्रसाद ने रिश्वत की राशि 12000/- रुपये दिए पहले से तैयार लोकायुक्त पुलिस जबलपुर की टीम तहसील कार्यालय में आ पहुंची और रिश्वत के रुपए के साथ पटवारी ममता मोटवानी और रिटायर्ड कोटवार प्रकाश झरिया को रंगे हाथ पकड लिया।

लोकायुक्त पुलिस ने जब इनके हाथ धुलवाए तो हाथों में से गुलाबी रंग निकलने लगा जो लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत के नोटों पर लगा दिया था, लोकायुक्त ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार विवरण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया ।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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