जबलपुर में फिर शुरू हुई मटर खरीदी, प्रशासन के आश्वासन पर व्यापारियों की हड़ताल खत्म

Atul Saxena
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Jabalpur News

Jabalpur News : जबलपुर की कृषि उपज मंडी में बीते 24 घंटे तक मटर खरीदी पूरी तरह से बंद रही। खरीदी नहीं होने से जहां किसान परेशान होते रहे तो वहीं  व्यापारी जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग के लिए अड़े रहे। आखिरकार जिला प्रशासन ने जब व्यापारियों को सुरक्षा का आश्वासन दिया तो फिर शनिवार से मंडी में मटर खरीदी का काम शुरू हुआ है।

मंडी गेट पर किसानों ने किया था हंगामा, गेट पर जड़ा था ताला 

दरअसल,  बीते तीन दिनों पहले मटर के दामों को लेकर सैकड़ों किसानों ने कृषि उपज मंडी के सामने जमकर हंगामा किया था। नाराज किसानों ने मंडी के गेट बंद कर दिए जिसके चलते सैकड़ों व्यापारी मंडी के अंदर ही बंधक बनकर रह गए। जानकारी मिलने के बाद कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और नाराज किसानों को समझाती रही। लेकिन मटर के सही दाम न मिलने से किसान नाराज रहे।

जबलपुर में फिर शुरू हुई मटर खरीदी, प्रशासन के आश्वासन पर व्यापारियों की हड़ताल खत्म

मंडी संघ बोला, व्यापारी डरे और सहमे हुए हैं 

आखिरकार राज्य सरकार ने किसानों को जब 700 रुपए प्रति बोरा मटर मुआवजा देने का ऐलान किया तब जाकर किसानों का गुस्सा शांत हुआ। किसानों द्वारा कृषि उपज मंडी में किए गए हंगामा के बाद से मंडी के व्यापारियों में खासा आक्रोश है। कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजीत साहू का कहना है कि जो भी घटना हुई वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं क्योंकि जिस तरह से किसानों ने हंगामा किया था उसके चलते व्यापारी से सहमे हुए हैं।

जबलपुर में फिर शुरू हुई मटर खरीदी, प्रशासन के आश्वासन पर व्यापारियों की हड़ताल खत्म

मंडी व्यापारियों ने जिला प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। अजीत साहू का कहना है कि अगर उस दिन समय रहते पुलिस और प्रशासन किसानों के हंगामा को रोक लेता तो आज इस तरह के हालात नहीं बनते। व्यापारियों का यह भी कहना है कि जिस दिन किसानों ने हंगामा किया था उसे दौरान मंडी में सैकड़ो गाड़ियां व्यापारियों की फंस गई थी जिसके चलते 8 से 10 करोड रुपए का नुकसान हुआ है। बहरहाल जबलपुर कलेक्टर के आश्वासन के बाद से 24 घंटे बाद आज से मटर खड़ी थी का काम शुरू हो गया है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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