एयरपोर्ट के पास आर्मी क्षेत्र में घूम रहा संदिग्ध निकला रोहिंग्या, पुलिस ने लिया हिरासत में, जाँच एजेंसियां सतर्क

सूत्र यह भी बताते हैं कि पूछताछ के दौरान इसने यह भी कबूल किया है कि उसके साथ 9 लोग थे, अब इसकी बातों में कितना विश्वास है, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। 

जबलपुर पुलिस ने डुमना एयरपोर्ट से लगे सैन्य क्षेत्र से एक संदिग्ध युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस की गिरफ्त में आए युवक ने बताया कि वह बांग्लादेशी रोहिंग्या है। पूछताछ में युवक द्वारा लगातार किए जा रहे खुलासे को देखते हुए आईबी और खुफिया एंजेसी भी अलर्ट हो गई। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी खमरिया थाने पहुंच गए हैं और गिरफ्त में आए युवक से पूछताछ कर रहे हैं।

मंगलवार की शाम को 23 वर्षीय एक युवक के एयरपोर्ट इलाके से लगे आर्मी क्षेत्र में घूमने की खमरिया थाना पुलिस को लगी। पुलिस तुरंत ही अलर्ट हुई और जब मौके पर पहुंची तो देखा कि एक युवक घूम रहा है, पुलिस को देखते ही उसने भागने की कोशिश की, पर उसे पकड़ लिया गया।

बयान बदल रहा है गिरफ्तार रोहिंग्या 

पुलिस ने पकड़े गए युवक से नाम, पता पूछा तो वह कुछ अजीब भाषा में बोलने लगा, पहले लगा कि यह मानसिक रूप से विक्षिप्त है, पर जब थाने लाकर उससे पूछताछ की तो एक के बाद एक कई खुलासे होते गए। बांग्लादेशी युवक अपना नाम रहमत अली, निवासी बांग्लादेश जिला बागुड़ा, गांव रामचंद्रपुर बता रहा है। परिवार के विषय पर पूछने पर उसने बताया कि पिता का नाम मन्ना सरकार है, बाद में फिर से बयान बदला तो मोहम्मद नाम बताने लगा, मां का नाम युवक मेमरा बेगम बता रहा है।

पुलिस को शक युवक कर रहा गुमराह 

पुलिस ने देर रात तक तक बांग्लादेशी निवासी से पूछताछ की, पर हर बार उसके बयान अलग-अलग हो रहे थे, पुलिस को यह भी शक है कि जानबूझकर यह व्यक्ति गुमराह कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि जब रहमत अली से पूछा गया कि उसका यहां आने का क्या उद्देश्य है, तो कहने लगा कि खाना खाने आया हूं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट  


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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