भोपाल/जबलपुर।
कोरोना संकटकाल के बीच निजी स्कूलों की फ़ीस का मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच गया है। अब जबलपुर मुख्य पीठ में सभी मामलों की सुनवाई की जाएगी। 13 जुलाई को इस पर सुनवाई होगी। चीफ़ जस्टिस की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। इंदौर में दायर केस भी जबलपुर हाईकोर्ट बुलाए गए।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर और ग्वालियर खंडपीठ के समक्ष दायर की गईं सभी याचिकाओं पर जबलपुर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।
इंदौर पीठ ने निजी स्कूलों को शिक्षण शुल्क (ट्यूशन फीस) के अलावा अन्य शुल्क भी वसूलने के लिए स्वतंत्रा देते हुए राज्य शासन के सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूलने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी थी। अधिवक्ता ने कहा, जबकि हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर ने इसी तरह की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी स्कूलों द्वारा शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य शुल्क वसूले जाने पर अंतरिम रोक लगा दी। इस तरह एक ही मुद्दे पर हाईकोर्ट के दो आदेश सामने आए।
मंगलवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ के समक्ष राज्य की निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई की। वही इंदौर और ग्वालियर बेंच के भी स्कूल फीस संबंधी केस जबलपुर ट्रांसफर होंगे। जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर के डॉ. पीजी नाजपाण्डे और रजत भार्गव का पक्ष अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से रखा। उन्होंने जबलपुर में जस्टिस अतुल श्रीधरन और इंदौर में जस्टिस सतीश शर्मा के विरोधाभासी आदेशों को रेखांकित किया।अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।