जबलपुर| ‘सारी दुनिया का बोझ हम उठाते है’……जी हा कई दशकों से रेल्वे स्टेशन में ये कुली आपके सामानों का बोझ उठाते है। जिन रेल्वे स्टेशनों में इन कुलियों ने सारी जिंदगी बिता दी है | आज इस संक्रमण काल मे उन्ही कुलियों को रेल्वे पूरी तरह से भूल गया है।कोरोना वायरस के चलते लगे लॉक डाउन में कुलिओं के सामने अब भूखे मरने की नोबात आ गई है।
देश भर में लगे लॉक डाउन के कारण रेल के पहिये थम गए है। रेल मंत्रालय ऐसी स्थिति में रेल कर्मचारियों को तो वेतन दे रही है पर स्टेशन में तैनात बोझा ढोने वाले कुलियों को रेल प्रशासन भूल गया है। आज कुलियों के सामने भूखे मरने की नोबात आ गई है। कोरोना वायरस के चलते लगे लॉक डाउन में बीते एक माह से बेरोजगार हो चुके कुलियों का कोई भी सहारा नही है।जीवन भर जिस रेल्वे का बोझ कुलियों ने उठाया था आज इस विषम परिस्थितियों में रेल्वे ने उनका साथ छोड़ दिया|
कुलियों की मदद के लिए समाजसेवी कमलेश अग्रवाल आए सामने……
लॉक डाउन के कारण बेरोजगार हो चुके कुलियों का जब रेल्वे ने साथ छोड़ा तो शहर के सामजसेवी कमलेश अग्रवाल ने उनका हाथ थामा है।जबलपुर रेल्वे स्टेशन में काम करने वाले कुलियों को आज कमलेश अग्रवाल ने न सिर्फ खाने की व्यवस्था की बल्कि उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके लिए वो रेल्वे के अधिकारी और कलेक्टर से बात करेंगे……
बहरहाल बीते एक माह से बेरोजगारी के बीच अपनी जिंदगी काट रहे कुलियों के लिए अभी तो सामजसेवी कमलेश अग्रवाल ने खाने की व्यबस्था कर दी है पर जिस तरह से लॉक डाउन चल रहा है उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर जल्द ही रेल्वे ने इन कुलियों पर ध्यान नही दिया तो इनके हालात खराब हो सकते है।