Item 1 Item 1 Item 1 Item 1 Item 1 Item 1 Item 1 Item 1 Item 1 Item 1

सेल्फ़ी ने ली फिर जान, दो फुफेरे भाइयों की डूबने से मौत, दो दिन बाद मिले शव

Avatar
Published on -

जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। सेल्फी लेना दो युवाओं को इतना भारी पड़ गया कि उनकी जान ही चली गई, नर्मदा की तेज और अथाह जलराशि में समा गए यह दोनों युवा सेल्फी खींच रहे थे कि तभी पैर फिसला और फिर उनके शव ही बरामद हो सकें। विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट में 24 सितंबर की शाम सेल्फी लेते हुए डूबे दोनों युवकों के शव होमगार्ड टीम ने रविवार को ढूंढ निकाले। दोनों फुफेरे भाईयों का शव आधे घंटे के अंतराल पर स्वर्गद्वारी के पास मिला। इसी के साथ उनके जीवित मिलने की उम्मीद लगाए बैठे परिजनों का सब्र भी टूट गया। शव देखते ही परिजनों का चीत्कार मच गया, होमगार्ड ने कुल 18 घंटे का सर्चिंग अभियान चलाया। भेड़ाघाट पुलिस ने दोनों शवों को पीएम के लिए भिजवाते हुए जांच में लिया है।

दतिया शिक्षा विभाग का कारनामा, भष्ट्राचार में लिप्त अध्यापक को बनाया प्रभारी प्राचार्य, लोकायुक्त में भी है मामला दर्ज

बारिश हो या आम दिन लगातार पुलिस ऐसी जगहों पर लोगों को अपनी जान जोखिम मे डालकर सेल्फ़ी लेने से रोकती है, लेकिन उसके बावजूद भी लोग नहीं मानते, और बारिशों में उफनती नदी के किनारों पर पहुंचकर सेल्फ़ी लेते है और मौत का शिकार बन जाते है, यह हादसा भी कुछ इसी तरह का है, जब शुक्रवार 24 सितंबर को सेल्फी लेते हुए सहारनपुर से अपने मामा के घर जबलपुर आये लक्ष्य उर्फ लकी सहगल (22) और फिर उसे बचाने को नर्मदा में छलांग लगाने वाले रांझी बड़ा पत्थर निवासी शिवांश टैगोर (19) स्वर्गद्वारी की गहराई में समा गए थे। शनिवार सुबह 6 बजे होमगार्ड की टीम उनकी तलाश में जुटी थीं। शनिवार को पूरे दिन लगभग 12 घंटे स्वर्गद्वारी से सरस्वती घाट तक तलाश चली। अंधेरा होने पर रेस्क्यू बंद हो गया था। बावजूद उनके परिजन पूरी रात भेड़ाघाट में ही रुके रहे। रविवार सुबह 6 बजे फिर सर्चिंग चालू हुई। 11.30 बजे सबसे पहले लक्ष्य का शव मिला। इसके आधा घंटे बाद शिवांश का शव मिला। भेड़ाघाट पुलिस ने गुमशुदगी को मर्ग में तब्दील कर शवों को पीएम के लिए भेज दिया।

About Author
Avatar

Harpreet Kaur