जबलपुर/संदीप कुमार
गुरूवार को खितौला पान उमरिया रोड पर सरदा के जंगल में बने चौपड़ा धाम के पुजारी की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। मंदिर से करीब पांच मीटर दूर नाली में मिट्टी के नीचे दबी लाश मिलने की खबर लगते ही सिहोरा एसडीओपी भावना मरावी और खितौला थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। लाश के नाले में दबे होने के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी ने उनकी हत्या कर गाड़ दिया था। जानकारी के मुताबिक खितौला-पान उमरिया रोड से करीब 3 किलोमीटर अंदर जंगलों के बीच चौपड़ा धाम मंदिर में महंत भैया लाल यादव करीब 20 वर्षों से रह रहे थे। वह बहोरीबंद की सुंदरसी पट्टी के रहने वाले थे। 30 अप्रैल को अचानक उनका मोबाइल फोन बंद आने पर उनके भाई रामगोपाल यादव चोपड़ा धाम पहुंचे,लेकिन वहां पर महंत का कोई पता नहीं चला। आसपास पता करने पर उनकी कोई जानकारी नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने बुधवार को खितौला थाने में महंत की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
महंत के गायब होने और गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद खितौला बाजार पुलिस चोपड़ा धाम पहुंची और आसपास के जंगलों में महंत की खोजबीन शुरू हुई। सुबह मंदिर से कुछ दूरी पर महंत की लकड़ी की घुटनिया मिली। खोजबीन के दौरान करीब पांच सौ मीटर दूर नाले में एक जगह मिट्टी में बदबू आने पर पुलिस को शक हुआ। जिसके बाद पुलिस ने एसएफएल टीम को जानकारी दी। जबलपुर से पहुंची पुलिस टीम ने पुजारी के कमरे और मंदिर के आसपास से आवश्यक नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी में खुदाई के बाद लाश को बाहर निकाला गया लाश बुरी तरह डिकंपोज हो चुकी थी और उससे तेज बदबू आ रही थी। फिलहाल पुलिस ने पंचनामा कार्यवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाते हूए मामले को जांच में लिया है।