चोरी का केस रफा दफा करने 5000 रुपये की रिश्वत ले रहा था SI, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा

एस आई विनोद दुबे ने जहांगीर से कहा कि तुम्हारे खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले में अगर बचना चाहते हो तो 10 हजार रुपए देने होंगे, जिसके एवज में धाराएं कम कर दी जाएगी, और केस से नाम भी हटा दिया जाएगा।

Atul Saxena
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Jabalpur Lokayukta Action  SI Bribe : जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को सिविल लाइन थाने में पदस्थ एसआई को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसआई का नाम विनोद दुबे है उसने एक व्यक्ति से उसका केस रफा दफा करने के बदले रिश्वत की मांग की थी

जबलपुर निवासी जहांगीर खान पुरानी बाइक को खरीदने-बेचने का काम किया करता है। करीब एक माह पहले सिविल लाइन थाने में जहांगीर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था कि उसने एक ग्राहक की बाइक जो उसकी दुकान में बनने के लिए आई थी, उसे बनाने की वजह बेच दिया था। मामले की विवेचना एसआई विनोद दुबे को दी गई। जांच और बयान के लिए एसआई ने कई बार जहांगीर को थाने बुलवाया

केस में धाराएँ कम करने और नाम हटाने के बदले मांगी रिश्वत 

एस आई विनोद दुबे ने जहांगीर से कहा कि तुम्हारे खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले में अगर बचना चाहते हो तो 10 हजार रुपए देने होंगे, जिसके एवज में धाराएं कम कर दी जाएगी, और केस से नाम भी हटा दिया जाएगा। बीते एक सप्ताह से चल रहे समझौते के बाद आखिरकार सौदा 5 हजार रुपए में तय हुआ।

रिश्वत हाथ में आते ही लोकायुक्त टीम ने दबोचा 

शिकायतकर्ता ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की, जिसका परीक्षण करवाने के बाद शुक्रवार को आरोपी को ट्रेप करने की कार्रवाई की गई। थाने में एसआई के काम के दौरान रिश्वत के रुपए लेकर  जहांगीर थाने पहुंचा,  रिश्वत लेने के लिए एसआई थाने से बाहर आया और जैसे ही 5 हजार रुपए लिए, तभी लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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