जबलपुर, संदीप कुमार। बीते दिनों प्रदेश के अनूपपुर (Anuppur) और सतना (Satna)में तहसीलदार (Thsildar), नायब तहसीलदार (Nayab Tahsildar) पर हुए हमले की घटनाओं के विरोध में पूरे प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग की है,साथ ही अनिश्चितकालीन के लिए राजस्व का काम बंद कर दिया है।
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर काम के दौरान लगातार हो रहे हमले के विरोध में प्रदेशव्यापी हड़ताल का आगाज कर दिया गया है. हड़ताल के दौरान तहसीलदारों ने राजस्व के कामों का बहिष्कार कर दिया है हालांकि चुनाव संबंधित काम उनके द्वारा जरूर किए जा रहे हैं , पर केस की सुनवाई पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
जबलपुर की तहसीलों में पसरा सन्नाटा
जबलपुर जिले के तमाम 21 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के हड़ताल में जाने से राजस्व संबंधित सभी काम बंद हो गए है, न ही केसों की सुनवाई हो रही है और न ही जाति-मूलनिवासी प्रमाण पत्रों में उनके द्वारा हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।
जिला तहसीलदार संघ का आव्हान
जिला तहसीलदार संघ के अध्यक्ष प्रदीप मिंश्रा का कहना है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार जनता के बीच जाकर शासन का ही काम करते हैं लेकिन अगर उन्हें सुरक्षा ना दी जाए तो आखिर वो कैसे फिर काम करेंगे। संघ का ये भी कहना है कि जब तक कोतमा और उचेहरा में तहसीलदारों पर हुए हमले की घटनाओं के आरोपी गिरफ्तार नहीं किए जाते हैं और उन पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी।