जबलपुर, संदीप कुमार। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण मामले में अपने ऊपर लगे आरोपो को गम्भीरता से लिया है लिहाजा उन्होंने भाजपा नेताओं के द्वारा तीन दिन में माफी न मांगे जाने पर सख्त रूख अपनाते हुए उन्होंने अब कोर्ट जाने का फैसला किया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वी.डी शर्मा और नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर 10 करोड़ रुपए मानहानि का दावा किया था जिसके लिए कोर्ट में डेढ़ लाख रुपए का चेक जमा करा दिया गया है, बता दे कि तीन जनवरी को हाईकोर्ट खुलने पर उनके अधिवक्ता शशांक शेखर की ओर से प्रकरण दाखिल किया जाएगा।
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दरअसल, भाजपा मंत्रियों के द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा पर गम्भीर आरोप लगे थे, कि विवेक तन्खा ने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी को आरक्षण मिले,जबकि कांग्रेस ने 1994 में ही पंचायत और निकाय चुनावों में ओबीसी को 25 प्रतिशत आरक्षण दिया था,इसी फरवरी में हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया पर सरकार की ओर से इस स्टे काे हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया सुप्रीम कोर्ट में हम रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर गए थे। सुनवाई के दौरान मेरी बात समाप्त हो चुकी थी,सरकार के वकीलों को अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए था।
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गौरतलब हैं कि विवेक तन्खा ने कहा कि हम संविधान में आस्था रखते हैं। कोर्ट को ताकतवर बनाना चाहते हैं, दुष्प्रचार वो करते हैं। अब कोर्ट तय करेगी कि विवेक तन्खा झूठ बोल रहे हैं या बीजेपी वाले,मुख्यमंत्री शिवराज से अधिक मीडिया का सुख-दुख का साथी मैं हूं, सीएम हाउस से कई मीडिया हाउस को फोन कर बोला गया कि तन्खा का वीडियो मत दिखाओ इसके मेरे पास सबूत हैं और कोर्ट में इसे भी रखूंगा,सुप्रीम कोर्ट द्वारा एमपी में ओबीसी सीटों के निर्वाचन पर रोक लगाए जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए विवेक तन्खा काे जिम्मेदार ठहराया था।