जबलपुर जिला दंडाधिकारी पर हाईकोर्ट ने लगाया 20 हजार का जुर्माना, संभाग कमिश्नर को भी दी हिदायत, यह थी वजह

जबलपुर हाईकोर्ट

जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हाईकोर्ट (High Court) ने जिला बदर से जुड़े एक मामले में जिला दंडाधिकारी जबलपुर पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस जीएस आहलुवालिया की एकलपीठ ने जिला दंडाधिकारी को 30 दिन के भीतर जुर्माने की रकम हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराने के निर्देश दिए है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो उक्त रकम ले सकता है। हाईकोर्ट ने जिला दंडाधिकारी द्वारा 28 जुलाई 2020 को जारी उस आदेश को भी निरस्त कर दिया। जिसमें याचिकाकर्ता के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने संभागायुक्त के समक्ष उक्त आदेश की अपील पेश की थी। संभागायुक्त ने 11नवंबर 2020 को अपील खारिज कर दी थी।

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यह था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक जबलपुर के डुमना रोड स्थित ककरतला में रहने वाले रज्जन यादव पर विभिन्न आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे। जिसके एवज में जिला दंडाधिकारी ने 16 नवंबर 2016 को जिला बदर की कार्रवाई की थी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने 26 मार्च 2018 को याचिकाकर्ता के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की अनुशंसा की। जिला दंडाधिकारी ने 29 सितंबर 2018 को रज्जन के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई के तहत जबलपुर सहित मंडला, डिंडोरी, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, दमोह और उमरिया जिले में जिला बदर का आदेश पारित किया था। इस आदेश के खिलाफ संभागायुक्त के समक्ष अपील पेश की गई थी। जिसके बाद संभागायुक्त ने यह कहते हुए जिला दंडाधिकारी का आदेश निरस्त कर दिया कि उन्होंने इस दौरान याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं दिया और पुलिस कर्मियों के बयान भी दर्ज नहीं किए।


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Harpreet Kaur