Mon, Dec 29, 2025

जबलपुर में तीन लोगों ने चाकू मारकर युवक की हत्या, नाराज परिजनों ने थाने का किया घेराव, दो सब इंस्पेक्टर लाइन हाजिर

Written by:Amit Sengar
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हंगामें की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों को मनाने के लिए पनागर विधायक थाने पहुंचे, और एसपी से कार्रवाई की मांग की। एसपी सम्पत उपाध्याय ने दो एसआई को लाइन अटैच कर दिया है। 
जबलपुर में तीन लोगों ने चाकू मारकर युवक की हत्या, नाराज परिजनों ने थाने का किया घेराव, दो सब इंस्पेक्टर लाइन हाजिर

Jabalpur Crime News : जबलपुर में 1 नवंबर की दोपहर 30 वर्षीय युवक संतोष दुबे को तीन लोगों ने चाकू मारकर गंभीर रुप से उसे घायल कर दिया। घटना के बाद आनन-फानन में उसे परिजन पनागर थाने लेकर आए, आरोप है कि पुलिस ने उसका बयान लेकर इलाज के लिए अस्पताल भिजवाने की वजह दो घंटे तक थाने के बाहर बैठाए रखा। जैसे-तैसे बिना रिपोर्ट दर्ज करवाए पनागर स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे तो यहां से फिर यह कहकर थाने भेज दिया गया कि ये पुलिस केस है। लिहाजा चार घंटे तक परिजन घायल को लेकर भटकते रहे। इसके बाद मेडिकल कॉलेज रेफर करने की वजह पुलिस घायल को लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां चार दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद संतोष ने दम तोड़ दिया। नाराज परिजनों और ग्रामीणों शव को लेकर पनागर थाने पहुंचे और घेराव किया। हंगामें की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों को मनाने के लिए पनागर विधायक थाने पहुंचे, और एसपी से कार्रवाई की मांग की। एसपी सम्पत उपाध्याय ने दो एसआई को लाइन अटैच कर दिया है।

दरअसल ग्राम पटरा उमरिया में रहने वाले संतोष दुबे किसी काम से गांव से पनागर आ रहा था, उसी दौरान उमरिया गांव में रहने वाला सौरभ पटेल का उसे धक्का लग गया। इसके बाद दोनों का विवाद होने लगा। पास में ही सौरभ के दो दोस्त अमन यादव और रोहित पांडे खड़े हुए थे। जैसे ही दोनों के बीच हाथापाई शुरू हुई तो अमन और रोहित ने संतोष के हाथ पकड़े और फिर सौरभ ने चाकू से ताबड़तोड़ कमर और पीठ में हमला कर दिया। तीनों ही आरोपी खून से लथपथ हालत में घायल को मौके पर छोड़कर फरार हो गए। घटना के करीब 20 मिनट के बाद कुछ ग्रामीणों की नजर संतोष पर पड़ी, जिसके बाद परिजनों को सूचना दी। फिर घायल को पनागर थाने ले जाया गया। परिजनों का कहना है कि एसआई संतोष ठाकुर और मयंक यादव थाने में थे, उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की वजह दो घंटे तक थाने के बाहर बैठाकर रखा, जिसके चलते उसकी हालत बिगड़ गई।

शव रखकर घेरा थाना

जिला अस्पताल में भर्ती संतोष की मंगलवार की इलाज के दौरान मौत हो गई। नाराज ग्रामीण परिजनों के साथ शव लेकर पनागर थाना पहुंचे और घेराव करते हुए मांग की है कि दोषी डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। परिजनों का कहना था कि जब तक दोषी दोनों एसआई पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों के हंगामे की जानकारी मिलते ही डीएसपी आकांक्षा उपाध्याय सहित अन्य थाने से भी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, वहीं स्थानीय विधायक सुशील इंदु तिवारी भी थाने पहुंचे और नाराज ग्रामीणों को समझाइश दी। विधायक का कहना था कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी, पर ज्यादा देर तक शव को थाने में रखना ठीक नहीं। विधायक की समझाइश के बाद नाराज ग्रामीण मान गए और शव लेकर गांव के लिए रवाना हुए।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट