जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। ऑल इंडिया ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट (All India Judicial Academies Directors Retreat) कार्यक्रम के दौरान भाषण देते वक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) मास्क (Mask) को लेकर असहज दिखे और फिर उन्होंने मंच से ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से मास्क उतारने की अनुमति मांगी, इसके बाद अपना भाषण आगे बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि आत्म का सुख न्याय से इसलिए जब तक न्याय नहीं मिलता है तब तक सुख प्राप्त नहीं होता है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की न्यायपालिका सर्वोच्च है। उन्होंने नीरव मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि लंदन की कोर्ट में नीरव मोदी ने कहा कि उसे भारत की न्यायपालिका पर भरोसा है। सस्ता, सुलभ और तत्वरित न्याय कैसे मिले इसका प्रयास होगा। न्यायाधीशों के पद रिक्त है उन्हें भरने का प्रयास किया जाएगा।
प्रधानन्यायधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े द्वारा ‘भारत के न्यायालय अतीत से वर्तमान’, सर्वोच्चन्यायलय के न्यायमूर्ति माननीय एनवी रमना जी ‘मप्र न्याययिक इतिहास’ का विमोचन किया गया। दोनों पुस्तक विमोचन के बाद एक प्रति राष्ट्रपति को प्रदान की गई। 1950 से वर्तमान तक निर्णयों का डाइजिस्टस का विमोचन माननीय न्यायमूर्ति अशोक भूषण द्वारा कर राष्ट्रपति को पुस्तक भेंट की गई।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) का जबलपुर (jabalpur) के डुमना विमानतल (dumna airport) पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (governor Anandiben Patel) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया।