ग्वालियर, अतुल सक्सेना। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (janmashtami) महोत्सव फूलबाग परिसर स्थित रियासतकालीन श्री गोपाल मंदिर (Gopal Mandir) पर 30 अगस्त को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। परंपरा के अनुसार जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीराधाकृष्ण को बेशकीमती गहनों से सजाया जाएगा (जिनकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जाती है) तथा पूजा अर्चना के उपरांत दोपहर 12 बजे बाद नगर निगम ग्वालियर के फेसबुक पेज पर ऑनलाइन अपने घर से ही एवं मंदिर के बाहर एलईडी के माध्यम से आमजन भगवान श्रीराधा कृष्ण के मनोहारी रूप के दर्शन कर सकेंगे।
नगर निगम कमिश्नर आशीष तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कई वर्षों से जन्माष्टमी महोत्सव में फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर स्थित श्री कृष्ण एवं राधा को सिंधिया राजवंश द्वारा दिए गए प्राचीन आभूषणों से सजाया जाता रहा है। जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर के लिए गठित समिति एवं पुलिस बल के साथ बैंक लॉकर से भगवान के आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री एवं पात्र निकालकर लाये जायेंगे तथा इनकी सफाई इत्यादि कर संभाग आयुक्त एवं प्रशासक आशीष सक्सेना की उपस्थिति में भगवान का श्रृंगार किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण मंदिर में पुलिस बल तथा CCTV कैमरे लगाकर पल-पल की वीडियोग्राफी की जाएगी। इस विशेष मौके पर गोपाल मंदिर पर विशेष साज-सज्जा व आर्कषक विद्युत व्यवस्था की गई है। कोरोना के चलते आमजन का मंदिर में प्रवेश नहीं होगा। फेसबुक लाइव और मंदिर के बाहर लगी LED श्री राधा कृष्ण के मनोहारी दर्शन होंगे।
बेशकीमती दुर्लभ आभूषणों से होगा श्रीराधाकृष्ण का श्रृंगार
राधाकृष्ण के श्रृंगार में नगर निगम द्वारा बैंक लॉकर में रखे करोड़ों रुपये कीमती गहने उपयोग किये जायेंगे जिसमें सफेद मोती वाला पंच लड़ी हार लगभग आठ लाख कीमत का, सात लड़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे सन् 2007 में इनकी अनुमानित कीमत लगभग 12 से 14 लाख रुपये आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट कृष्ण पहनेंगे जिनकी कीमत भी लगभग 60 लाख रूपये है। गोपाल मंदिर की राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित के पंख है तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग तीन करोड़ आंकी गई है तथा इसमे लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 18 लाख आंकी गई है ।
श्रीराधाकृष्ण के नखशिख श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े 18 लाख रूपये के जेवर उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया जायेगा। भगवान के भोजन इत्यादि के लिये भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया जावेगा। लगभग 60 लाख रुपये कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान की भोग आराधना होगी। जिनमें भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियों का भी प्रदर्शन किया जावेगा।