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Sat, Dec 20, 2025

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर करोड़ों की जमीन कब्जाने का आरोप, मामला दर्ज़

Written by:Rishabh Namdev
Published:
इंदौर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई भरत पटवारी, नाना पटवारी और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव पर गंभीर आरोप लगे हैं। बायपास रोड के पास करोड़ों की जमीन पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर कब्जा और अवैध निर्माण की शिकायत दर्ज हुई है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, हालांकि अब इसमें राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर करोड़ों की जमीन कब्जाने का आरोप, मामला दर्ज़

इंदौर में एक बार फिर राजनीति और जमीन के खेल की परतें खुलने लगी हैं। इस बार सीधे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के परिवार का नाम सामने आया है। दरअसल उनके भाई भरत पटवारी, नाना पटवारी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव पर 6.33 एकड़ की कीमती जमीन पर कब्जे और धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है। जमीन के असली मालिक नरेंद्र मेहता की शिकायत पर तेजाजी नगर थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है।

दरअसल इस FIR के मुताबिक, आरोप है कि भरत पटवारी और उनके साथियों ने एक फर्जी ट्रस्ट के नाम से ग्राम उमरीखेड़ा की बेशकीमती जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। 29 मार्च को सदाशिव यादव करीब 15-20 लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य शुरू कर दिया। यही नहीं, जमीन को सोशल मीडिया पर बेचने के लिए विज्ञापन तक डाल दिए गए।

जान से मारने की धमकी भी दी गई

74 वर्षीय नरेंद्र मेहता ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। उनके मुताबिक इस जमीन पर उनका स्वामित्व 1939 से है, जब उन्हें होलकर रियासत से इनाम के रूप में यह भूमि मिली थी। बाद में यह उनके पिता नवतरमल जैन के नाम ट्रांसफर हुई। वे अब तक इसका वैध स्वामित्व रखते हैं। हालांकि इस मामले में एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है और कहा कि जांच जारी है।

राजनीतिक बयानबाजी के बाद जीतू पटवारी ने दिया जवाब

वहीं इस मामले ने राजनीतिक हलचल मच गई है। दरअसल बीजेपी ने कांग्रेस पर जमीन घोटाले का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। वहीं जीतू पटवारी ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह लड़ाई विचारों की है, संविधान बचाने की है। परिवारों को डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम डरेंगे नहीं।” हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर एफआईआर के आरोपों को खारिज नहीं किया, लेकिन इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया।

नाना पटवारी पर पहले से ही दर्ज हैं कई केस

दरअसल इस मामले में एक और गंभीर मोड़ तब आया जब यह सामने आया है कि नाना पटवारी पर पहले से ही सात केस दर्ज हैं। इनमें मारपीट, धमकी और ड्रग्स से जुड़े कई मामले शामिल हैं। हाल ही में वे भाजपा के एक पूर्व पार्षद के साथ मारपीट मामले में भी चर्चा में आए थे। यह बात पूरे मामले को और गंभीर बनाती है दरअसल जिन लोगों पर पहले से आपराधिक रिकॉर्ड है, वे अब करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप में फंसते नजर आ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जमीन के दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।