भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के पोषण को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गंभीर आरोप लगाए। पटवारी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा, गरीबों, कुपोषण और महिलाओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।
जीतू पटवारी ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2012-13 और 2014-15 में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 1 करोड़ 60 लाख बच्चे पढ़ते थे। आज यह आंकड़ा घटकर 1 करोड़ 4 लाख रह गया है। इसका मतलब है कि स्कूलों से लगभग 50 से 60 लाख बच्चे कम हो गए हैं। उन्होंने इसे एक ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया है।
बजट बढ़ा, लेकिन बच्चे घटे
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां एक तरफ छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आई है, वहीं दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग का बजट 7 हजार करोड़ से बढ़कर 37 हजार करोड़ रुपये हो गया है। बजट करीब 5 गुना बढ़ने के बावजूद बच्चों की संख्या घटना आश्चर्यजनक है। उन्होंने पूछा कि जब 50 लाख बच्चे कम हो गए, तो उनके हिस्से का राशन और पैसा कहां गया?
“आज 12 रुपये बच्चों के बजट पर और 40 रुपये गाय पर खर्च हो रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि दोनों ही कुपोषित हैं। देश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे मध्यप्रदेश में हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के पास इसकी समीक्षा का समय नहीं है।” — जीतू पटवारी, पीसीसी चीफ
मिड डे मील में घोटाले का आरोप
पटवारी ने मिड डे मील योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट बढ़ने के बावजूद बच्चों को न अंजीर मिल रहा है, न दूध, न काजू और न ही सेब। उन्होंने तीखे लहजे में पूछा कि आखिर मिड डे मील का यह खाना कौन खा रहा है? उनका आरोप है कि बच्चों के हक का राशन मंत्री, संत्री और अधिकारी मिलकर खा गए हैं।
CBI और ED से जांच की मांग
जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग की है कि राज्य और केंद्र से शिक्षा के लिए आए पूरे पैसे का ऑडिट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग से जुड़े सभी टेंडरों की जांच ED और CBI से कराई जानी चाहिए। साथ ही, शिक्षा से जुड़ी सभी चीजों का ‘सोशल ऑडिट’ भी होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ वाले नारे पर भी तंज कसा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का जिक्र
पटवारी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को साधुवाद देते हुए कहा कि उन्होंने स्थिति की गंभीरता को समझा है। हालांकि, उन्होंने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री 11 दिन में विदेश यात्रा पर 34 करोड़ रुपये खर्च करते हैं, लेकिन प्रदेश के कुपोषित बच्चों की सुध नहीं लेते।
किसानों की दुर्दशा पर भी बोले
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जीतू पटवारी ने किसानों के मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि आज किसानों को उनकी किसी भी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है। विशेष रूप से प्याज के गिरते दामों और किसानों की परेशानी का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार को घेरा।





