जूनियर डॉक्टरों की भर्ती मामले में इंदौर के एमवाय अस्पताल में जूडा की हड़ताल, जमकर की नारेबाजी

Lalita Ahirwar
Published on -

इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर (Indore) सहित मध्यप्रदेश और देश में आज जूनियर डॉक्टर हड़ताल (Junior doctors strike) पर रहे। दरअसल, मेडिकल पीजी परीक्षा के बाद जूनियर डॉक्टर की भर्ती की जाती है और इस साल सितंबर में परीक्षा के बाद काउंसलिंग परिणाम आने के पहले ही ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया। ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता है तब तक जूनियर डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया रुकी रहेगी।

ये भी देखें- Government Jobs 2021 : इस राज्य को चाहिए 776 जूनियर इंजीनियर, यहाँ करें आवेदन

जूनियर डॉक्टरों की भर्ती मामले में इंदौर के एमवाय अस्पताल में जूडा की हड़ताल, जमकर की नारेबाजी

इसी के चलते इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में जूनियर डॉक्टर्स ने जूडा के बैनर तले आज ओपीडी में काम बंद हड़ताल की। इसके साथ ही जूनियर डॉक्टर्स ने जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया। जूडा का कहना है पीजी काउंसिलिंग परिणाम जब तक नही आएंगे तब तक नए डॉक्टर्स की भर्ती नहीं होगी और ऐसे में मौजूदा जूनियर डॉक्टर पर वर्क लोड बढ़ रहा है, क्योंकि पहले ही सभी डॉक्टर पिछले डेढ़ साल से कोरोना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और इस दौरान कोई नई भर्ती भी नहीं की गई। लिहाजा, जूडा की मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय फास्ट ट्रैक में मामले को लेकर जल्द फैसला सुनाए ताकि नए डॉक्टर आ सके।

जूडा के मीडिया कोआर्डिनेटर डॉक्टर राकेश ने बताया कि इंदौर में 35 प्रतिशत जूनियर डॉक्टर्स की कमी है। वहीं पिछले डेढ़ साल जो डॉक्टर्स काम कर रहे हैं वे कोरोना की दोनों लहरों में फ्रंट लाइन पर रहकर अपनी ड्यूटी निभा चुके हैं। इसके बाद म्यूकर मायकोसिस और डेंगू की आफत के साथ सामान्य बीमारी वाले मरीजों का भी इलाज कर रहे हैं। ऐसे में काम कर रहे डॉक्टर्स पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है और क्षमता से अधिक काम करने के कारण डॉक्टर मानसिक तनाव से ग्रसित हो रहे जिसके चलते मरीजों के इलाज पर भी असर देखा जा रहा है। लिहाजा, केंद्र सरकार इस बात का ध्यान रखे साथ ही सर्वोच्च न्यायालय जल्द फैसला ले ताकि बेहतर तरीके से स्वास्थ्य सेवाएं संचालित हो सके। इधर, जूडा ने ये भी साफ़ किया कि यदि फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो वो अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल पर जा सकते है।

फिलहाल, इंदौर में 350 जूनियर डॉक्टर है और अभी भी 100 से ज्यादा डॉक्टर्स की जरूरत है। लिहाजा, सोमवार को अस्पताल परिसर में अपनी मांग को लेकर जूडा ने ओपीडी का काम बंद रख हड़ताल की है। वहीं इस मामले में फैसला 6 जनवरी तक आने की बात कही जा रही है।


About Author
Lalita Ahirwar

Lalita Ahirwar

Other Latest News