उज्जैन पहुंचे कमल नाथ, बोले भगवान भरोसे है प्रदेश इसलिए महाकाल के पास आया हूँ

Atul Saxena
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) शनिवार को उज्जैन पहुंचे और उन्होंने महाकाल के दर्शन किये। आज मै महाकाल दर्शन करने आया हूँ , प्रदेशवासियो को कोरोना महामारी से मुक्ति मिले, उनके स्वास्थ्य, समृद्धि व ख़ुशहाली समृद्धि की कामना के लिए आया हूँ। क्योंकि आज प्रदेशवासी सरकार के भरोसे नहीं, भगवान भरोसे है। कमल नाथ (Kamal Nath) ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) मुझसे प्रमाण मांग रहे हैं, आपके पास तो रिकॉर्ड है, आप मुक्तिधाम, कब्रिस्तान के रिकॉर्ड और रजिस्टर को सार्वजनिक करिए, मुझे गलत साबित करिये, मैं माफी मांग लूंगा।

कोरोना महामारी को लेकर मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार और कांग्रेस आमने सामने है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मध्यप्रदेश के मॉडल की तारीफ करते है , कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रयासों पर संतुष्टि जताते हैं लेकिन कांग्रेस कहती है कि सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है।  पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ इसे लेकर लगातार शिवराज सरकार पर हमलावर हैं। शनिवार को कमल नाथ (Kamal Nath) उज्जैन पहुंचे और महाकाल के दर्शन किये। मीडिया से बात करते हुए कमल नाथ ने शिवराज सरकार के साथ साथ मोदी सरकार पर भी निशाना साधा।

कमल नाथ (Kamal Nath) ने कहा कि किस तरह भारत आज भाजपा सरकार के कारण विश्व में बदनाम हो रहा है। पहले चीन का कोरोना कहा जाता था, आज पूरे विश्व में सारी मीडिया रिपोर्ट ने इसका नाम भारतीय वेरिएंट कोरोना लिख दिया है। कई देशों के प्रमुख इसे भारतीय वेरिएंट के नाम से पुकार रहे हैं। हमारे देश के कई छात्र व जो नौकरी कर रहे है वो वापस नहीं जा पा रहे है। कुछ भारतीय जो विदेशों में टैक्सी चलाते हैं, उनकी टैक्सी में लोग बैठने को तैयार नहीं है ? यह जो भारत महान बनाने की बात बाद करते थे , उनकी असलियत सामने आ रही है ? आज सरकार कोरोना से नहीं लड़ रही है , आलोचना से लड़ रही हैं, मीडिया के लोगों को भी दबाया जा रहा है, उन पर भी प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। यह आज इमेज मैनेजमेंट में लगे हैं। मोदी जी खुद को विश्वगुरु बताते थे, कहते थे कोरोना की लड़ाई हम जीत गयें? 6.60 लाख वैक्सीन का निर्यात कर दिया ? आज देशवासी वैक्सीन के लिये भटक रहे है ?

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कमल नाथ ने कहा कि हमारा छोटा-मध्यमवर्गीय व्यापारी, किसान युवा, बेरोजगार नौजवान परेशान है।  अर्थव्यवस्था चौपट है। कई लोगों ने अपनो को खोया है और आगे आने वाला आर्थिक प्रभाव प्रदेश और देश को कहां ले जाएगा, हमें उसकी भी चिंता है? मैंने कल ही प्रश्न पूछा था कि कोरोना के मौत के आंकड़े क्यों दबाए-छुपाए जा रहे हैं? मैंने कल ही कहा था कि कितने शव मुक्तिधाम-कब्रिस्तान में आये है, इसका रिकॉर्ड दे दीजिए, जनता खुद फैसला कर लेगी? आज जनता के पास इलाज के पैसे नहीं, लोग बर्बाद हो गए, शव के अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं, अब वह क्या मृत्यु के प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटकेगी?

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कमल नाथ ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा मुझसे प्रमाण मांग रहे है, आपके पास तो रिकॉर्ड है, आप शमशान, मुक्तिधाम, कब्रिस्तान के रिकॉर्ड और रजिस्टर को सार्वजनिक करिए, मुझे गलत साबित करिये, मैं माफी मांग लूंगा। मैं प्रदेश की जनता के साथ खड़ा हूं मुझे किसी एफआईआर व मुकदमे से डर नहीं लगता है। ये प्रदेश में कोरोना के आँकड़े छुपाने और दबाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा कर रहे हैं।

उज्जैन पहुंचे कमल नाथ, बोले भगवान भरोसे है प्रदेश इसलिए महाकाल के पास आया हूँ उज्जैन पहुंचे कमल नाथ, बोले भगवान भरोसे है प्रदेश इसलिए महाकाल के पास आया हूँ

कमल नाथ ने कहा कि मेने प्रदेश के सभी 52 जिलों से जानकारी बुलायी है, जिसमें एक लाख 27 हज़ार शव मार्च और अप्रैल में मुक्तिधाम और कब्रिस्तान में पहुंचे है। मेरे हिसाब से उसमें से 80% की मृत्यु कोविड से हुई। शिवराज जी ने कहा कि जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई , उन्हें एक लाख की अनुग्रह राशि देंगे। मैंने कहा एक लाख नहीं 5 लाख दीजिए और किस सर्टिफिकेट पर आप देंगे, किस आधार पर देंगे यह भी बताइये? आप जो भी शपथ पत्र दे कि मेरे परिवार के सदस्य की मृत्यु कोरोना से हुई है, उसे 5 लाख दीजिये। यह सिर्फ घोषणा कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं ,इस सच्चाई को प्रदेश की जनता को समझना है।आज किसान के साथ कितना अन्याय हो रहा है, गेहूं खरीदी में उसके साथ क्या हो रहा है, छोटे व्यापारियों का क्या हो रहा है, इन सब की मुझे चिंता है, मैंने महाकाल मंदिर में दर्शन कर सभी की ख़ुशहाली की प्रार्थना की है।

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कमल नाथ ने कहा कि आज हमारे सामने दो चुनौती हैं, पहली टेस्टिंग के अभाव में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, रिपोर्ट 5 -6 दिन में आ रही है और दूसरी वैक्सीन की कमी की? 18 से 44 वर्ष की घोषणा जब हुई, जब पश्चिम बंगाल मैं आखिरी चरण का चुनाव था, युवा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए झूठ बोला गया , तब तक तो वैक्सीन का आर्डर तक नहीं दिया था और आज मोदी जी के फोटो लगे प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं और जनता से पैसे वसूले जा रहे हैं?

उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार होती तो हम इंजेक्शन का बफ़र स्टॉक बनाते, केयर सेंटर बनाते, ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था करते, आइसोलेशन सेंटर बनाते, इलाज-बेड की पर्याप्त व्यवस्था करते, हम तमाम चेतावनियों  को नजरअंदाज नहीं करते, लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का पर्याप्त इंतजाम करते।

कमल नाथ ने कहा कि मोदी सरकार पिछले 1 सप्ताह से अपनी गलती को छिपाने और दूसरों पर डालने की तैयारी में लग गई है। अब यह स्वास्थ्य को राज्य सरकार का विषय और राज्य सरकारों को हम चेतावनी दे चुके थे, इसमें
लग गये है। जबकि सच्चाई यह है कि यह 2020 में आपदा प्रबंधन कानून लाए थे, उन्होंने राज्यों से पूरे अधिकार ले लिए थे। ये रेमडेसिवीर का एक्सपोर्ट कर रहे थे, ऑक्सीजन का निर्यात कर रहे थे।

कमल नाथ ने कहा कि मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री था, मेरे पास सभी तरह की जानकारी थी, मैं सरकार का प्रमुख था। हनी ट्रैप की सीडी तो प्रदेश में कई लोगों के पास है, ऐसा कई लोग दावा भी करते है। मै मध्य प्रदेश का नाम इस स्तर की राजनीति से कलंकित नहीं करना चाहता था। मै चाहता था प्रदेश का नाम रोशन हो, लोगों में मध्यप्रदेश के प्रति विश्वास बढे, उससे प्रदेश में निवेश आता है। मोदी जी की असलियत पूरे देश की जनता समझ रही है, जनता समझ रही कि हर वर्ग के साथ धोखा हुआ है।2014 से हम देख रहे हैं स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, नोटबंदी, जीएसटी इसकी असलीयत देश की जनता ने देख ली है , नारों से देश चलने वाला नहीं है, कलाकारी और गुमराह की राजनीति का अब अंतिम समय आ गया है।

कमल नाथ ने फिर दोहराया कि प्रदेश में एक नया माफिया सामने आया है वो है कोविड माफिया। मैंने माफ़ियाओ के ख़िलाफ़, मिलावट के खिलाफ युद्ध चलाया। आज भाजपा से जुड़े हुए लोग जीवन रक्षक दवाइयो-बेड-इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं। आज ब्लैक फंगस का इंजेक्शन प्रदेश से गायब है। उन्होंने कहा कि हनी ट्रैप का मुद्दा व आग लगाने के वीडियो कोरोना से ध्यान हटाने के लिए उछाले जा रहे हैं।  आज जो इनकी आलोचना करें वो देश द्रोही – राज द्रोही है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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