Sun, Dec 28, 2025

बच्चियों के सरकारी स्कूल के लिए शिक्षिका ने दी अपनी 37 हजार वर्गफीट जमीन दान

Written by:Harpreet Kaur
Published:
बच्चियों के सरकारी स्कूल के लिए शिक्षिका ने दी अपनी 37 हजार वर्गफीट जमीन दान

Katni-Teacher Donated land For Girls School : मध्यप्रदेश के कटनी जिले के बड़वारा विधानसभा के विलायतकलां क्षेत्र की एक शिक्षिका ने अपनी 37 हजार वर्गफीट जमीन स्कूल के लिए दान कर दी, शिक्षिका की दान दी गई जमीन पर स्कूल बनाकर तैयार हो चुका है, दरअसल शिक्षिका प्रतिमा तिवारी को जब पता चला कि एक सरकारी स्कूल को जगह न मिलने की वजह से दूर शिफ्ट किया जा रहा है तो उन्होंने आगे आकर अपनी ही जमीन दान कर दी। शिक्षिका के इस नेक काम के चलते उन्हे कलेक्टर अवि प्रसाद ने उनका सम्मान किया। साथ ही रेडक्रॉस सोसायटी का आजीवन सदस्य भी बनाया है।

जिला रेडक्रास समिति का आजीवन सदस्य 

शिक्षिका प्रतिमा तिवारी ने बड़वारा विकासखंड के ग्राम बिलायत कला में अपने पति की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हाई स्कूल के भवन बनाने के लिए 30 लाख रुपये अनुमानित मूल्य की 37 हजार वर्ग फीट जमीन दान कर मिसाल कायम की है। उनके इस फैसले का सम्मान करते हुए कटनी में उन्हे कलेक्टर अवि प्रसाद ने कलेक्ट्रेट में प्रतिमा तिवारी को सम्मानित किया और उन्हें जिला रेडक्रास समिति का आजीवन सदस्य भी बनाया गया है।

जीवनभर की पूंजी से खरीदी जमीन बच्चियों के स्कूल के लिए दी दान

शिक्षिका प्रतिमा तिवारी ने 37 हजार वर्गफीट जमीनअपनी जीवनभर की कमाई से खरीदी थी, यह जमीन उन्होंने कुछ साल पहले ही वर्ष 2017 में खरीदी थी। प्रतिमा तिवारी ने फैसला तब लिया जब उन्हे पता चला कि जमीन नहीं होने की वजह से गांव के बाहर स्कूल ले जाया जा रहा है तो उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे तुरंत ही अपनी जमीन स्कूल के लिए दान देने का निर्णय ले लिया। लाखों की जमीन दान देने में प्रतिमा तिवारी ने कोई हिचक नहीं दिखाई। इसके पीछे उनका मकसद सिर्फ यही था कि बच्चियों का स्कूल गांव में ही बन सके और उन्हें दूरी की वजह से स्कूल न छोड़ना पड़े।

शिक्षिका के पति का हो चुका है देहांत 

शिक्षिका प्रतिमा तिवारी के पति का  2017 में Eक दुर्घटना में देहांत हो गया था। शिक्षिका को इसी दौरान पता चला कि क्षेत्र में बच्चियों के लिए स्कूल के लिए जो जमीन चिह्नित की गई है, वह गांव से दूर और जंगल के पास है। प्रतिमा तिवारी को लगा कि स्कूल से दूरी के चलते गांव की बच्चियाँ स्कूल नहीं जा पाएगी ऐसे में उन्होंने विलायत कलां की सड़क से लगी जमीन खरीदी और मार्च 2018 में उसे स्कूल के लिए दान कर दिया। शासन ने एक करोड़ रुपये की लागत से वहां स्कूल बनाया है, जो तैयार हो चुका है। शिक्षिका प्रतिमा तिवारी चाहती है कि उस शाला का नाम मेरे पति के नाम पर स्व. पंडित आजाद तिवारी शासकीय हाईस्कूल रखा जाए।

शिक्षिका ने कलेक्टर को दिया आवेदन 

कलेक्टर को शिक्षिका प्रतिमा तिवारी ने आवेदन पत्र देकर हाई स्कूल विलायत कला का नाम उनके पति स्वर्गीय पंडित आजाद तिवारी के नाम पर करने का आग्रह किया। कलेक्टर ने स्कूल का नामकरण उनके पति के नाम पर करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।