ओंकारेश्वर में प्रशासन की लापरवाही, मधुमक्खी के हमले से 15 श्रद्धालु हुए घायल

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खंडवा, सुशील विधानी। रविवार अवकाश के चलते विश्व प्रसिद्ध पर्यटन एवं ज्योतिर्लिंग नगरी ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में तीर्थयात्रीयों का आगमन आम दिनों से अधिक रहता हैं। एकमात्र नया झूलापुल से ओंकारेश्वर दर्शन को आने वाले 70% श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिये आवागमन करते हैं। लेकिन बाहर से आये श्रद्धालुओं को क्या पता था कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने आये लोगों को मधुमक्खीयों के हमले का शिकार हो सकते हैं।

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ओंकारेश्वर दर्शन के लिए आये तीर्थयात्रीयों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। जिससे 10 मिनट तक नया झुलापुल पर भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नया झुला पुल पर जूता-चप्पल स्टैंड पर जूते-चप्पल रखने वाले दर्शनार्थीयों की भीड़ लगी थी। वहीं कुछ लोग माँ नर्मदा के आलौकिक दृश्य को पुल पर खडे रहकर निहार रहे थे। इसी दौरान शाम 4:30 बजे झुला पुल के चप्पल-जूते स्टैंड के नीचे लटके लगभग 10 मधुमक्खीयों के छत्तों से मधुमक्खियों ने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। अचानक मधुमक्खियों के हमले से झुला पुल पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। मधुमक्खियों के अचानक हुए हमले की चपेट में आधा दर्जन महिलाएं एवं पुरुष आ गये।

वहीं इंदौर से परिवार के साथ ओंकारेश्वर दर्शन करने आये श्रद्धालु प्रमोद सालवी ने बताया की भगवान् भोलेनाथ के दर्शनो के लिये ओंकारेश्वर आया था। दर्शन से पहले यहां जूते-चप्पल उतारते समय अचानक मधुमक्खीयों ने हमारे उपर हमला कर दिया। जिसमें मैरे सहित मैरे परिवार के 6 सदस्य घायल हो गये। जबकि झुला पुल पर काफी संख्या में महिलाओं की भीड़ मौजूद थी। जो बच्चों के साथ भगवान ओंकारेश्वर के दर्शनों के लिये शिव की आई थी। मधुमक्खी की भीड़ ने झुला पुल पर दुकान लगाकर बैठने वाली महिलाओं को भी काटना शुरू कर दिया। फिर अफरा-तफरी मच गई।

छत्ते पर बारिश की बूंदो के गिरने से आईं मधुमक्खियां
ऐसा बताय जा रहा है कि मधुमक्खियों के हमले का कारण यह रहा कि हवा के सांथ हुई हल्की बारिश की बुंदे छत्ते पर टकराने से मधुमक्खीयां फैल गई। और दर्शनार्थ श्रद्धालुओं पर हमला बोल दिया। मधुमक्खी के हमले से बचाव के क्रम में कई महिलाएं दौड़ना शुरू कर दी। जबकि बच्चों को गोद में ली हुई महिलाएं साड़ी की आंचल से खुद को बच्चे को भी बचाती नजर आई। इस बीच मधुमक्खियों के हमले से नया झुला पुल पर हुए अफरा-तफरी का माहौल लगभग 20 मिनट तक रहा। वहीं इस मामले में जिम्मेदारअधिकारीयों का कहना है कि आबादी क्षेत्र का मामला हैं। झुलापुल की सुरक्षा व्यवस्था अन्य संबंधित विषय पर नगर परिषद एवं मंदिर ट्रस्ट निर्णय लेंगे।


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Harpreet Kaur

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