ओंकारेश्वर में दिखा नर्मदा का अद्भुत नजारा, आकर्षक रोशनी से जगमगा उठी तीर्थनगरी

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट ने पौराणिक महत्व के कोटीतीर्थ घाट पर सात दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम किया। जिसका शुक्रवार नर्मदा जयंती पर समापन किया गया।

Amit Sengar
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Khandwa News : देश के बारह ज्योर्तिलिंग में से एक ओंकारेश्वर में शुक्रवार को नर्मदा जयंती पर नर्मदा घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। वहीं शाम होते ही पानी में तैरते दीपों से तीर्थनगरी जगमगा उठी। गौमूख घाट, कोटी तीर्थ घाट,नागर घाट और अभय घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया, इसके साथ ही यहां दोपहर 12 बजे नर्मदा मैया की पूजा अर्चना करते हुए दूध से अभिषेक किया गया। वहीं सूर्य के ढलते ही श्रद्धालुओं का उत्साह और बढ़ गया। शाम में ओंकारेश्वर मंदिर पर की गई विद्युत सज्जा ने लोगों का मन मोह लिया। आकर्षक लाइट से मंदिर एवं नर्मदा के दोनों तट रोशन किये गये थे। शाम होते ही नर्मदा घाटों पर दीपदान करने वालों की भी भीड़ लग गई।श्रद्धालु नर्मदा नदी में दीप दान करते रहे।

पौराणिक महत्व के कोटितीर्थ घाट पर ट्रस्ट ने किये आयोजन

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट ने पौराणिक महत्व के कोटीतीर्थ घाट पर सात दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम किया। जिसका शुक्रवार नर्मदा जयंती पर समापन किया गया। मंदिर ट्रस्ट के पुजारी रामचन्द्र परसाई के आचार्यत्व में समस्त धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न किये गये। नर्मदा जंयती पर इस अलौकिक दृश्य का देखने के लिए लोगों की निगाह नर्मदा तटों पर टीकी रही। ओंकार घाट पर महा कांकड़ा आरती की गई। जिसे देख भक्त रोमांचित हो उठे।

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दिनभर चले भण्डारे

नर्मदा जयंती के उपलक्ष में बाहर से आये श्रद्धालुओं ने जगह जगह भण्डारों का आयोजन किया।इंदौर से आये प्रदिप सेठ ने बताया कि हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या कम रही।

यहां हुए भव्य आयोजन

नागर घाट, केवलराम घाट, ब्रम्हपुरी घाट, चक्रतीर्थ घाट, ओंकार घाट तथा कोटितीर्थ घाट, कोटितीर्थ घाट, संगम घाट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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