विकास यात्रा में हुए विरोध की खबरों पर भाजपा विधायक ने मीडिया पर कसा तंज, जानें क्या है कहा

Amit Sengar
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Khandwa News : खंडवा जिले के पंधाना से विधायक व BJP के प्रदेश प्रवक्ता राम दांगोरे अक्सर सुर्खियों में बने रहते है। हाल ही में उन्होंने मीडिया को ही विकास का दुश्मन बताया है। क्योंकि विकास यात्रा के दौरान विधायक दांगोरे के खिलाफ एक दर्जन गांवों में नारेबाजी हुई। कही भीड़ ने घेर लिया और उनको खरी-खोटी तक सुनाई। इस तरह की खबरें छपना नागवार गुजरा है।

यह है मामला

बता दें कि वीडियो में विधायक राम दांगोरे कहते दिख रहे है कि बुरा भी छापो, अच्छा भी छापो .. काम कर रहे है इसलिए आपके सामने आए है। काम नहीं करते तो हम खुद मुंह छुपाकर घूमते। एक सड़क 30 साल से नहीं बनी, आजादी के बाद से नहीं बनी, मीडिया वाले यहीं दिखाएंगे। लेकिन यह नही छापेंगे कि सहेजला सड़क, पंधाना से कालंका रोड स्वीकृत कराया। आईटीआई कॉलेज, सिंगोट को तहसील बनाया। क्योंकि, ये छापने से विधायक का नाम होगा। उन्हें 6 करोड़ की अस्पताल, 15-15 लाख रूपए के शिशु वार्ड नहीं दिखते। 2 करोड़ की पानी की टंकी बनी.. ये नही छपेगी रे.. देख लेना । उनको मजा आता है विधायकों को नुकसान पहुंचाने में। पहला विधायक, दूसरा विधायक, तीसरा विधायक। ये मीडिया वाले पंधाना के विकास को गर्त में डालने का काम रहे है।

गौरतलब है कि विकास यात्रा के दौरान कई गांवों में विधायक राम दांगोरे को उनकी पूर्व की घोषणाएं याद दिलाई गई। सांसद आदर्श ग्राम आरूद में तो एक मेधावी छात्र ने लैपटॉप की घोषणा बता दी। वही सरपंच ने झूठी घोषणाएं न करने की नसीहत दे डाली थी। इन घोषणाओं को लेकर गांव घाटीखास में विधायक दांगोरे ने ग्रामीणों को विकास की प्रक्रिया बताई। कहा कि, जब आप पौधा लगाते है और पौधा लगाकर जाते समय पीछे देखेंगे तो क्या वह तत्काल वृक्ष बन जाएगा । उस पौधे को वृक्ष बनने में समय लगेगा। ऐसे ही घोषणा करते है तो वो काम लाते है। भोपाल के चक्कर काटना पड़ता है, फाइलें यहां से वहां भेजनी पड़ती। तब जाकर काम को स्वीकृति मिलती है, टेंडर होता है, ठेकेदार तय होता है, तब जाकर काम की शुरूआती होती है।

खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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