ओंकारेश्वर में दिखेगा आदि शंकराचार्य का बाल स्वरूप, अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में हो रहा विकास

Diksha Bhanupriy
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Omkareshwar

Omkareshwar: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में पड़ने वाला ओंकारेश्वर एक बहुत ही खूबसूरत और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर महादेव विराजित हैं, जहां लाखों भक्त अपनी आस्था लेकर पहुंचते हैं। अब इस जगह को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों को देश की सांस्कृतिक एकता के देवदूत कहे जाने वाले आदि शंकराचार्य का जीवन दर्शन करने को मिलेगा।

बन रही एकात्मता की प्रतिमा

ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत क्षेत्र में एकात्म धाम बनाया जा रहा है। यहां पर 108 फीट ऊंची आचार्य शंकर की प्रतिमा एकातमता की प्रतिमा के नाम से बनाई जा रही है, जिसका अनावरण 18 सितंबर को होगा। बहिधातुओं से बनी ये प्रतिमा शंकराचार्य के बाल स्वरूप को दर्शाने वाली है।

बाल मूर्ति बनाने की वजह

आचार्य शंकराचार्य की ज्ञान और गुरु भूमि ओंकारेश्वर को बताया जाता है क्योंकि यहीं पर 4 वर्षों तक उन्होंने गुरु के सानिध्य में विद्या अध्ययन किया था। जब वो 12 साल के थे तब अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए उन्होंने यहां से प्रस्थान किया था और विश्व भर में इस बारे में ज्ञान फैलाया।

धातुओं से बनी है मूर्ति

108 फीट ऊंची इस मूर्ति को पूरी तरह से धातुओं से तैयार किया गया है। प्रदेश की 27000 ग्राम पंचायत से जनजागरण अभियान के तहत मूर्ति निर्माण के लिए धातुओं का संग्रह किया गया है। इसका चित्र प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने साल 2018 में तैयार किया था। जिसके बाद सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरा द्वारा इसे उकेरा गया है।

ये रहेंगे आकर्षक स्थल

यहां पर जो मंदिर बनाया जा रहा है वह पूरी तरह से भारतीय स्थापत्य शैली में निर्मित हो रहा है। ये पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होगा और यहां 36 हेक्टेयर में अद्वैत वन भी विकसित किया जा रहा है। इसके साथ यहां पर आचार्य शंकर के जीवन और सनातन दर्शन करने वाला एक संग्रहालय भी तैयार होगा। साथ ही लेजर लाइट और वॉटर साउंड शो के जरिए आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म दिखाई जाएगी। अन्नक्षेत्र, व्याख्या केंद्र, नर्मदा विहार, शंकर कलाग्राम जैसी चीज प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेंगी। यहां पर विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, दर्शन और कला पर केंद्रित कर शोध केंद्रों के साथ ग्रंथालय, पारंपरिक गुरुकुल और विस्तार केंद्र भी बनाया जाएगा।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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