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सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में उड़ी कोविड-19 के नियमों की धज्जियां

खंडवा, सुशील विधाणी। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)  की सभा में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के नियमों (corona guidelines) की खूब धज्जिया उड़ी । मुख्यमंत्री मांधाता विधानसभा क्षेत्र के मुंदी कस्बे में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने आए थे, जिस मंच से सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) कार्यकर्ताओं में उर्जा भर रहे थे, उस मंच पर 50 से ज्यादा कार्यकर्ता और पदाधिकारी बैठे थे, जिसमें कइयों ने मास्क नहीं लगाया था।

जो लोग सामने बैठे थे उनमें भी अधिकांश कार्यकर्ता मास्क नहीं पहने थे। पूरे सभा स्थल पर कहीं भी न तो सैनिटाइजर दिखा, ना हीं मास्क वितरण और ना ही हाथ धोने की कोई व्यवस्था थी। जबकि यह कार्यकर्ता सम्मेलन भाजपा के सिपाहियों का ही था । इन सिपाहियों में बूथ प्रभारी, पन्ना प्रभारी और सेक्टर प्रभारी थे । सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) इन्हीं में उर्जा भर रहे थे और जिम्मेदारी दे रहे थे कि यदि आप लोग घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित करेंगे तभी नारायण पटेल (narayan patel) जीतेंगे और जब नारायण पटेल जीतेंगे तो मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा ।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।